बाल विवाह मुक्त भारत अभियान- भीलवाड़ा में 150 से ज्यादा जागरुकता व शपथ ग्रहण कार्यक्रम आयोजित
भीलवाड़ा बीएचएन। भारत सरकार के बाल विवाह मुक्त भारत् के आह्वान के समर्थन में गैरसरकारी संगठन नवाचार संस्थान ने भीलवाडा में बाल विवाह के खिलाफ 150 से ज्यादा जागरूकता व शपथ ग्रहण कार्यक्रमों का आयोजन किया जिसमें समाज के हर तबके के लोग शामिल हुए। इस दौरान भीलवाडा जिले के 150 गाँव के 84 पंचायतो में मशाल जुलूस और कैंडल मार्च में बाल विवाह पीडि़ताओं, महिलाओं, बच्चों व पुरुषों सहित 74,850 लोगों ने बाल विवाह के खिलाफ शपथ ली और शाहपुरा जिले के 50 गाँव के 28 पंचायतो में मशाल जुलूस और कैंडल मार्च में बाल विवाह पीडि़ताओं, महिलाओं, बच्चों व पुरुषों सहित 66,600 जागरूकता के प्रसार के लिए विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भागीदारी की। इस दौरान पुरोहितों, मौलवियों, हलवाइयों, रसोइयों, सजावट, बैंड बाजा वालों व शादी का कार्ड छापने वाले प्रिंटिंग प्रेस के मालिकों जैसे विवाह से जुड़े सभी हितधारकों ने शपथ ली कि वे बाल विवाह संपन्न कराने में किसी भी तरह से भागीदारी नहीं करेंगे और इसकी सूचना तत्काल संबंधित अधिकारियों को देंगे। नवाचार संस्थान 250 से भी अधिक अग्रणी गैरसरकारी संगठनों के देशव्यापी गठबंधन जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन ् (जेआरसी) का सहयोगी है जो जिले में बाल विवाह की रोकथाम के लिए काम कर रहा है। नवाचार संस्थान ने स्थानीय प्रशासन के साथ सहयोग व समन्वय से कानूनी हस्तक्षेपों और परिवारों एवं समुदायों को समझा-बुझा कर अकेले 2023-24 में ही जिले में 129 बाल विवाह रुकवाए हैं।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी द्वारा शुरू किए गए च्बाल विवाह मुक्त भारतज् अभियान का पुरजोर समर्थन करते हुए गैरसरकारी संगठन नवाचार संस्थान के निदेशक अरुण कुमावत ने कहा, यह अभियान विकसित भारत के सपने को पूरा करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। देश की बच्चियों को शिक्षित, सशक्त और आत्मनिर्भर बनाए बिना हम इस सपने को पूरा नहीं कर सकते और बाल विवाह इसमें सबसे बड़ी बाधा है। बाल विवाह की रोकथाम के लिए सभी पक्षों को साथ लेकर चलने और बचाव-संरक्षण एवं अभियोजन नीति पर अमल के मंत्रालय के इस फैसले का हम स्वागत करते हैं। च्जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेनज् का सहयोगी संगठन होने के नाते हम पहले से ही इस रणनीति पर काम करते आ रहे हैं। हमारे लिए यह गर्व की बात है कि हमने इस जिले में जो अभियान शुरू किया था, वह अब राष्ट्रव्यापी अभियान बन गया है।