उज्ज्वला योजना में अब अनिवार्य री-केवाइसी, दिसंबर अंत तक प्रक्रिया पूरी नहीं की तो रुक सकती है सब्सिडी

Update: 2025-12-12 18:20 GMT



भीलवाड़ा। जिस तरह पेंशनर्स को जीवित प्रमाण पत्र देने पर ही पेंशन मिलती है, ठीक उसी तरह प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों के लिए भी हर बार केवाइसी कराना अनिवार्य कर दिया गया है। इस नई व्यवस्था को इसी साल लागू किया गया है और दिसंबर के अंत तक सभी लाभार्थियों को पुनः केवाइसी करवाने के निर्देश जारी किए गए हैं।

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी कनेक्शन लेने वाले परिवारों को कहा गया है कि यदि उन्होंने समय पर री-केवाइसी नहीं कराई तो उनका सिलेंडर रिफिल और सब्सिडी, दोनों बंद हो सकते हैं। गैस एजेंसियों ने लाभार्थियों को नोटिस भेजकर प्रक्रिया जल्द पूरी करने को कहा है। गैस एजेंसी संचालक सुनील जोशी ने बताया कि जिन उपभोक्ताओं की केवाइसी पूरी नहीं होगी, उनके 10वें सिलेंडर पर मिलने वाली सब्सिडी भी रोक दी जाएगी। यह प्रक्रिया पिछले महीने शुरू हुई थी और इसे दिसंबर के आखिरी सप्ताह तक पूरा करना अनिवार्य है।

स्थिति

10.33 करोड़ परिवार देश में उज्ज्वला योजना के लाभार्थी हैं।

राजस्थान में 73.2 लाख परिवार इस योजना के दायरे में आते हैं।

भीलवाड़ा जिले में भी बड़ी संख्या में ग्रामीण परिवार उज्ज्वला कनेक्शन का उपयोग कर रहे हैं। चिंताजनक बात यह है कि इनमें से अधिकतर ग्रामीण उपभोक्ताओं को री-केवाइसी की जानकारी ही नहीं है। सूचना के अभाव के कारण उनकी सब्सिडी रुक सकती है, जिससे आर्थिक भार बढ़ेगा। अब तक री-केवाइसी मुख्य रूप से शहरी उपभोक्ताओं ने ही करवाई है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रक्रिया बहुत धीमी है।

आगे क्या

एलपीजी कंपनियां और वितरक एजेंसियां ई-केवाइसी अभियान को तेजी से आगे बढ़ा रही हैं। यदि जागरूकता बढ़ी और दस्तावेज व जानकारी उपलब्ध कराना आसान हुआ, तो लाभार्थियों की संख्या में कमी नहीं आएगी और वितरण व सब्सिडी सुचारू रूप से जारी रह सकेगी। लेकिन यदि जानकारी की कमी, तकनीकी बाधाएं या एजेंसी-स्तर की लापरवाही बनी रही, तो बड़ी संख्या में परिवारों की सब्सिडी रुक सकती है और सस्ते सिलेंडर पाने में परेशानी बढ़ सकती है।

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