लाडो प्रोत्साहन योजना के तहत बालिकाओं को जन्म से 21 वर्ष की आयु तक सात किस्तों में मिलेंगी 1 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि

Update: 2025-01-23 09:28 GMT

भीलवाडा। मुख्यमंत्री  भजनलाल शर्मा व राज्य सरकार द्वारा बालिकाओं के समग्र विकास और समाज में उनकी सकारात्मक स्वीकार्यता को बढ़ावा देने के लिए लाडो प्रोत्साहन योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत बालिकाओं को जन्म से लेकर 21 वर्ष की आयु पूर्ण करने तक कुल 1 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि 7 किस्तों में प्रदान की जाएगी।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ0 सी.पी. गोस्वामी ने बताया कि लाडो योजना का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं के पालन-पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में लिंग भेद को समाप्त करना है। साथ ही, यह योजना संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहन, मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी, शिशु लिंगानुपात में सुधार, बालिकाओं की उच्च शिक्षा सुनिश्चित करने, और बाल विवाह को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। लाडो योजना के तहत समाज में बालिकाओं की स्थिति को सशक्त कर और उन्हें शिक्षा तथा स्वास्थ्य के बेहतर अवसर प्रदान उपलब्ध हो सकेगें। बालिका के वयस्क होने तक पहली छः किस्तें बालिका के माता-पिता/अभिभावक के बैंक खाते में एवं सातवीं किस्त बालिका के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से ऑनलाईन हस्तांतररित किये जाएगें।

योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए पात्रता

1. प्रसूता राजस्थान की मूल निवासी होनी चाहिए।

2. बालिका का जन्म राजकीय चिकित्सा संस्थान अथवा जननी सुरक्षा योजना के अधिस्वीकृत निजी चिकित्सा संस्थान में हुआ हो।

3. भुगतान डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से किया जाएगा। 7 किस्तों में मिलेगा प्रोत्साहन राशि का लाभ

योजना के तहत बालिका के माता-पिता/अभिभावकों को देय परिलाभ-

1. बालिका जन्म के समय 2,500 रू.

2. एक वर्ष की आयु पर (संपूर्ण टीकाकरण के बाद) 2,500 रू.

3. बालिका के राजकीय/मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में प्रथम कक्षा में प्रवेश पर 4,000 रू.

4. बालिका के राजकीय/मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में छठी कक्षा में प्रवेश पर 5,000 रू.

5. बालिका के राजकीय/मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में दसवीं कक्षा में प्रवेश पर 11,000 रू.

6. बालिका के राजकीय/मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में बारहवीं कक्षा में प्रवेश पर 25,000 रू.

7. सरकार से मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों से स्नातक उत्तीर्ण और 21 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर 50,000 रू.इस तरह कुल 1 लाख रुपये की सहायता राशि बालिका और उसके माता-पिता को ऑनलाइन माध्यम से हस्तांतरित की जाएगी।

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