श्रद्धा एवं भक्ति की बही अविरल धारा, हजारों भक्तों ने की प्रभु अरिष्टनेमी व पार्श्वनाथ भगवान की आराधना
भीलवाड़ा। क्या बच्चा, क्या बुर्जुग, क्या महिला ओर क्या युवा हर उम्र वर्ग के भक्त के हाथ में रूद्राक्ष की माला थी ओर जुबां पर पहले तीर्थंकर अरिष्टनेमी भगवान ओर उसके बाद पार्श्वनाथ भगवान का नाम था। आराधना का लक्ष्य एक ही था विश्व शांति ओर जन कल्याण हो। सभी सुखी एवं स्वस्थ रहे ओर किसी के जीवन में कोई दुःख नहीं रहे। हजारों हाथ एक साथ माला फेर रहे थे तो वातावरण असीम आध्यात्मिक पावन पॉजिटिव एनर्जी से सरोबोर हो गया। ये नजारा धर्मनगरी भीलवाड़ा में रविवार को विश्व शांति एवं जन कल्याण की मंगलकामना से अनुष्ठान आराधिका ज्योतिष चन्द्रिका महासाध्वी कुमुदलताजी म.सा. आदि ठाणा के सानिध्य में आध्यात्मिक चातुर्मास आयोजन समिति भीलवाड़ा द्वारा वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक समिति सुभाषनगर के तत्वावधान में तथा राष्ट्रीय महामंगलकारी अनुष्ठान समिति के प्रायोजन में आरसी व्यास कॉलोनी में गेट न.33 के पास स्कूल के नजदीक ग्राउण्ड में चौबीस घंटे का भगवान अरिष्टनेमी पार्श्वनाथ महामंगलकारी अनुष्ठान के दौरान नजर आया। रविवार सुबह पूर्णतया जैन विधि से निःशुल्क महामंगलकारी अनुष्ठान की विधिवत शुरूआत में प्रथम नवकार महामंत्र के प्रथम कलश की स्थापना समारोह अध्यक्ष मध्यप्रदेश सरकार के वरिष्ट मंत्री एवं भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय एवं राजस्थान के सहकारिता मंत्री गौतम दक ने की। नवकार महामंत्र के अन्य कलश एवं माला की स्थापना राष्ट्रीय महामंगलकारी अनुष्ठान समिति, आध्यात्मिक चातुर्मास आयोजन समिति, सुभाषनगर संघ एवं आदेश्वर पार्श्व सेवा ट्रस्ट के पदाधिकारियों एवं विशिष्ट अतिथियों ने की। माला फेरना शुरू होने से पहले स्वर साम्राज्ञी महाप्रज्ञाजी म.सा. द्वारा अनुष्ठान स्रोत पाठ किया गया। इसके बाद वास्तुशिल्पी पद्मकीर्तिजी म.सा. द्वारा संकल्प विधि कराई गई। साध्वी कुमुदलताजी ने बताया कि इस अनुष्ठान आयोजन का उद्ेश्य जीवन में खुशहाली लाने के साथ हर प्रकार का तनाव दूर करना है। जिनके जीवन में राहु केतु की दशा लगी हुई उनके लिए भी ये अनुष्ठान बहुत लाभकारी एवं मंगलमय होगा। इस दौरान राहु ग्रह की शांति के लिए भगवान अरिष्टनेमी की 180 माला ओर केत ग्रह की शांति के लिए भगवान पार्श्वनाथ की 100 माला साधक फेर रहे है। अनुष्ठान में भाग लेने वाले करीब दो हजार श्रावक श्राविकाओं ने पहले तीर्थंकर अरिष्टनेमी भगवान की 180 माला फेरने के बाद रात 8 बजे बाद तीर्थंकर पार्श्वनाथ भगवान की 100 माला फेरना शुरू किया जो उन्हे सोमवार सुबह 7 बजे तक पूरी करनी है। समारोह अध्यक्ष मध्यप्रदेश के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इस आध्यात्मिक आयोजन के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि महासाध्वी कुमुदलताजी म.सा. जैसे साध्वीगण हमारे समाज एवं राष्ट्र के लिए प्रेरणादायी पथ प्रदर्शक है। उन्होंने कहा कि जैन समाज पर माता लक्ष्मी एवं सरस्वती दोनों की कृपा रही है। सरस्वती की कृपा एक बार होने के बाद हमेशा रहती है पर सुलक्ष्मी मिले ऐसी कामना करनी है। कुलक्ष्मी मिलने पर वह ठहर नहीं सकती। सहकारिता मंत्री गौतम दक ने भी आयोजन के लिए मंगलभावनाएं व्यक्त की। समारोह में भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, भीलवाड़ा जिलाध्यक्ष प्रशान्त मेवाड़ा, मुंबई से रेमण्ड ग्रुप के वरिष्ठ अधिकारी शांतिलाल पोखरना,अमित अग्रवाल, अरूण अग्रवाल, भीलवाड़ा संगम ग्रुप के एमडी एसएन मोदानी, जयपुर से अनिल चतर, मुंबई से सीए दिलीप नाबेड़ा सहित कई जनप्रतिनिधि, अधिकारी, उद्यमी भी मौजूद रहे। अतिथियों का स्वागत अनुष्ठान समिति के अध्यक्ष नेमीचंद धाकड़, अशोक श्रीश्रीमाल, कमलेश ढेलावत, सुनील बोहरा, डॉ. दामोदर लड्ढा, आध्यात्मिक चातुर्मास आयोजन समिति के संयोजक महावीरसिंह चौधरी, अध्यक्ष दौलतमल भड़कत्या, सचिव राजेन्द्र सुराना, सुभाषनगर श्रीसंघ के अध्यक्ष हेमन्त कोठारी,मंत्री बंशीलाल बोहरा, जीतो के पूर्व अध्यक्ष सुशीलकुमार डांगी आदि ने किया। कई चिकित्सक, इंजीनियर, सीए, प्रबंधक जैसे प्रोफेशनल भी इस आयोजन में शामिल होकर आत्मिक साधना कर रहे है। महामंगलकारी अनुष्ठान की पूर्णाहुति 22 सितम्बर सोमवार सुबह 7.15 बजे होगी। इस अनुष्ठान में शामिल होने के लिए मुंबई,पूना,बेंगलूरू,जयपुर, चैन्नई, हैदराबाद, नासिक, उदयपुर, कोटा, बिजयनगर सहित देश के विभिन्न स्थानों से सैकड़ो श्रावक-श्राविकाएं भीलवाड़ा पहुंचे है।अनुष्ठान लाभार्थी परिवारों का राष्ट्रीय महामंगलकारी अनुष्ठान समिति के पदाधिकारियों द्वारा स्वागत किया गया।
*महासाध्वी कुमुदलताजी की नौ दिवसीय मौन साधना आज से*
महासाध्वी मण्डल के सानिध्य में महामंगलकारी अनुष्ठान आराधना के चलते सुभाषनगर स्थानक में 22 सितम्बर सोमवार को भ्ज्ञी प्रवचन नहीं होंगे। चातुर्मासिक नियमित प्रवचन 23 सितम्बर मंगलवार से पुनः सुबह 8.45 बजे से होंगे। महामंगलकारी अनुष्ठान सम्पन्न होने के बाद सोमवार से महासाध्वी कुमुदलताजी म.सा. की नवरात्र में अखण्ड मौन साधना प्रारंभ हो जाएगी। महासाध्वी मण्डल के सानिध्य में नवपद आयम्बिल ओली आराधना 29 सितम्बर से प्रारंभ होगी जो 7 अक्टूबर तक चलेगी।