पर्युषण महापर्व 20 अगस्त से, आत्मा का अवलोकन करने का पर्व

Update: 2025-08-17 11:07 GMT

आसींद श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ आसींद के सानिध्य में चतुर्विद संघ द्वारा 20 अगस्त से महावीर भवन में पर्युषण महापर्व मनाया जाएगा। इस दौरान आत्मा का अवलोकन, क्षमा याचना, तप, त्याग, अखंड नवकार महामंत्र का जाप,प्रतिक्रमण, नवरंगी, सहित अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जायेगे। प्रवर्तिनी डॉ दर्शन लता द्वारा पर्युषण महापर्व को लेकर श्रावक श्राविकाओ को जागरूक किया जा रहा है एवं अधिक से अधिक तप त्याग हो उसके लिए प्रेरित किया जा रहा है।

महावीर भवन में आयोजित धर्मसभा में नवदीक्षित संत धैर्य मुनि ने कहा कि भगवान महावीर ने प्रत्येक प्राणी को पवित्रमय बनाने की प्रेरणा प्रदान की है। संयम लेने के लिए इंद्रियों पर नियंत्रण होना चाहिए। राग द्वेष से मुक्त होकर प्रभु के बताए हुए मार्ग पर चलकर हम अपने जीवन का कल्याण कर सकते है। प्रभु पर पूरा विश्वास रखें और श्रद्धा के साथ प्रभु का स्मरण करे।

प्रवर्तिनी डॉ दर्शन लता ने कहा कि मन, वचन और काया इन तीनों से कर्मों का बंधन भी होता है और कर्म भी इन्हीं से टूटते है। कर्मों को तोड़ने का अवसर मनुष्य जन्म में ही मिलता है। कर्म हम स्वयं ही बांधते है और हम ही तोड़ते है। पुराने कर्मों को तोड़ने एवं धर्म करने का अवसर देता है पर्युषण महापर्व। हम सदैव परमात्मा की नजरों में ईमानदार, परोपकार, विवेकशील, संस्कारवान बने तभी हमारा कल्याण हो पाएगा।

साध्वी ऋजु लता ने कहा कि आत्मा की वफादारी का सीजन आ गया है। महावीर का सच्चा श्रावक वो है जो मौका मिलते ही धर्म के कार्यों में जुट जाता है। भगवान महावीर के सिद्धांतों का हम अनुसरण करे तो हमारा जीवन में सुखमय हो पाएगा। धर्म सभा में नन्हे नन्हे बच्चों की फैन्सी ड्रेस प्रतियोगिता रखी गई जिसमें प्रथम आराध्या बाबेल,द्वितीय मोक्ष कर्णावट, तृतीय झील कोठारी रहे। ब्यावर, विजयनगर सहित आस पास के क्षेत्र से श्रावक श्राविकाएं दर्शन लाभ के लिए पधारे जिनका स्थानीय संघ ने स्वागत कर आभार ज्ञापित किया। धर्म सभा में श्री मति लाड देवी कूकड़ा ने आठ उपवास के प्रत्याख्यान लिए संघ ने उनका स्वागत सत्कार किया।

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