कृषि विभाग ने तारबंदी योजना के लिए जारी किए नये दिशा-निर्देश, राज्य सरकार ने कृषक हित में लिया फैसला

By :  vijay
Update: 2025-04-24 14:22 GMT
कृषि विभाग ने तारबंदी योजना के लिए जारी किए नये दिशा-निर्देश, राज्य सरकार ने कृषक हित में लिया फैसला
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भीलवाड़ा । कृषि आयुक्तालय कृषि विभाग जयपुर ने कांटेदार एवं चैन लिंक तारबंदी योजना के लिए वर्ष 2025-26 के लिए लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं जिसमें कृषक हित को ध्यान में रखते हुए न्यूनतम जमीन की अनिवार्यता में शिथिलता दी है अब काश्तकार एक जगह न्यूनतम आधा हैक्टेयर अर्थात दो बीघा भूमि होने पर भी तारबंदी योजना का लाभ लेने के लिए पात्र होगे।

कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक विनोद कुमार जैन ने बताया कि बताया कि नील गाय, जंगली जानवरों व निराश्रित पशुओं से फसलों को होने वाले नुकसान से बचाव व रोकथाम के लिए फसलों की सुरक्षा को मध्यनजर रखते हुए राज्य सरकार द्वारा कृषि विभाग के माध्यम से खेतों की कांटेदार एवं चैनलिंक तारबंदी करवाने पर अनुदान दिया जा रहा है।

संयुक्त निदेशक जैन ने बताया कि पूर्व वर्षों में तारबंदी योजना के लिए एक ही जगह न्यूनतम 1.5 हैक्टेयर भूमि होना आवश्यक था परन्तु राज्य सरकार द्वारा इस वर्ष विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देशों में शिथिलता देते हुए व्यक्तिगत एवं समूह में तारबंदी करवाने वाले किसान एक जगह न्यूनतम 0.5 हेक्टेयर भूमि होने पर भी तारबंदी योजना का लाभ लेने के लिए जिले के सभी सहायक कृषि अधिकारी एवं कृषि पर्यवेक्षकों को क्षेत्र के पात्र एवं इच्छुक किसानों से तारबंदी योजना के ऑनलाइन आवेदन करवाने के आवश्यक निर्देश प्रदान किया गया है।

किसानों को इस तरह मिलेगा अनुदान

सहायक निदेशक कृषि विस्तार डा. धीरेन्द्र सिंह राठौड़ ने बताया कांटेदार एवं चौनलिंक तारबंदी योजना में किसानों की सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने हेतु समूह में यदि न्यूनतम 10 किसान मिलकर 5 हेक्टेयर पक्की भूमि में तारबंदी करवाते हैं तो सभी किसानों को 70 फीसदी अनुदान राशि के हिसाब से प्रति कृषक अधिकतम 400 रनिंग मीटर लंबाई पर 56000 की अनुदान राशि मिलेगी एवं व्यक्तिगत या समूह में एक ही जगह पेरिफेरी में न्यूनतम 0.5 हैक्टेयर भूमि पर तारबंदी करवाने पर लघु एवं सीमांत किसानों को प्रति कृषक अधिकतम 400 रनिंग मीटर लंबाई पर अधिकतम 48000 रुपये एवं सामान्य किसानों को 40000 रुपये का अनुदान तारबंदी पर कृषि विभाग के माध्यम से दिया जाएगा।

इस प्रकार करनी होगी खेतों की कांटेदार. चैनलिंक तारबंदी

सहायक निदेशक राठौड ने बताया कि किसान व्यक्तिगत या समूह में खेतों की तारबंदी करते समय 15 फ़ीट की दूरी पर खम्भे लगाए व 5 कांटेदार वायर आड़े व 2 कांटेदार वायर क्रॉस लगाए या चैनलिंक जाली भी लगा सकते हैं। लोहे व सीमेंट के खम्बे की सुरक्षा के लिए भूमि में पीसीसी भी करना जरूरी है। तारबंदी पर व्यय राशि के समस्त बिल किसानों को उपलब्ध करवाने होंगे। कार्य पूर्ण होने के उपरांत सम्बंधित कृषि पर्यवेक्षक द्वारा कार्य का भौतिक सत्यापन राज किसान साथी पोर्टल पर ऑनलाइन किया जाएगा व अनुदान राशि का भुगतान सीधे किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाएगा।

राज किसान साथी पोर्टल पर ऑनलाइन होगे आवेदन

कृषि अधिकारी एवं योजना प्रभारी कजोड मल गुर्जर ने बताया कि योजना के लिए इक्छुक एवं पात्र किसान तारबंदी पर अनुदान के लिए प्रस्तावित भूमि की पेरीफेरी का नवीनतम प्रमाणित संयुक्त नक्शा ट्रेस व जमाबंदी एवं जन आधार कार्ड,लघु.सीमान्त प्रमाण पत्र लेकर नजदीकी ई मित्र केंद्र या स्वयं के द्वारा राज किसान साथी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करें ताकि पहले आओ-पहले- पाओ के आधार पर पत्रावलियों की प्राथमिकता से प्रशासनिक स्वीकृति जारी की जा सके।

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