आचार संहिता में अटके भीलवाड़ा की 9 संस्थाओं के भूखंड आवंटन, बहाली की गुहार

Update: 2025-11-19 13:07 GMT

भीलवाड़ा -भीलवाड़ा की सामाजिक संस्थाओं में उस समय गहरी निराशा छा गई, जब हाल ही में नगर विकास न्यास भीलवाड़ा ने मंत्रिमंडल के एक निर्णय का हवाला देते हुए उन भूखंड आवंटनों को निरस्त करने की सूचना जारी की, जिनके डिमाण्ड आदेश आचार संहिता के कारण जारी नहीं हो पाए थे। महर्षि गौतम ब्रह्म सेवा समिति ने मुख्यमंत्री   भजनलाल जी शर्मा को एक मार्मिक पत्र लिखकर वर्ष 2017-18 और 2023 में स्वीकृत इन रियायती भूखंडों को बहाल करने और तुरंत पट्टे जारी करने की मांग की है।

महर्षि गौतम ब्रह्म सेवा समिति के अध्यक्ष  गोपाल लाल जोशी ने बताया कि उनकी संस्था पिछले वर्ष 2012 से सामाजिक और छात्रावास के उद्देश्य से भूमि आवंटन के लिए प्रयासरत है। पहला आवंटन (2017-18) में तत्कालीन यूआईटी चेयरमैन ने समिति को 25 प्रतिशत रियायती दर पर भूखंड संख्या 17/4 नेहरू विहार में, 119 बाई 68 फिट आवंटित किया था, लेकिन विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के कारण डिमाण्ड आदेश जारी नहीं हो पाया और आवंटन अधूरा रह गया। दूसरा आवंटन (सितंबर 2023) में नगरीय विकास विभाग, जयपुर ने दिनांक 30 सितंबर 2023 को एक आज्ञा (संख्या 162/2023) जारी कर महर्षि गौतम समिति सहित कुल 9 सामाजिक संस्थाओं को 10 प्रतिशत रियायती दर पर भूखंड आवंटन की स्वीकृति दी थी।

जोशी ने बताया कि स्वीकृति मिलते ही समाज में खुशी की लहर दौड़ गई। हालांकि, श्री सुधर्म जैन श्रावक समिति और भीम समाज के डिमाण्ड आदेश तुरंत बनकर राशि जमा हो गई, लेकिन अन्य संस्थाओं को यूआईटी अधिकारियों ने समय की कमी का हवाला देकर अगले दिन आने को कहा। दुर्भाग्य से, अगले ही दिन आचार संहिता लागू हो गई, और डिमाण्ड राशि जमा कराने को तैयार होने के बावजूद अन्य 7 संस्थाओं के आदेश रुक गए।

दिनांक 30 अक्टूबर 2025 को यूआईटी भीलवाड़ा ने पत्र जारी कर, आवंटन पत्र जारी न होने वाले इन सभी प्रकरणों को मंत्रिमंडल के निर्णय के आधार पर निरस्त करने की सूचना दी, जिससे समाज में गहरी निराशा छा गई है।

पत्र में यह तर्क दिया गया है कि नवीन भूमि आवंटन नीति-2025 में स्पष्ट उल्लेख है कि यह नीति ’’पूर्व निर्णित मामलों’’ पर लागू नहीं होगी। संस्था का आवंटन 2017-18 में ही हो चुका था, और 2023 का आदेश सिर्फ पुराने निर्णय की पुनरावृत्ति थी।

महर्षि गौतम ब्रह्म सेवा समिति ने मुख्यमंत्री   भजनलाल शर्मा से मानवीय और सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण अपनाते हुए, आचार संहिता के कारण निरस्त हुए सभी 9 संस्थाओं के भूखंडों के निरस्तीकरण आदेश को बहाल करने, डिमाण्ड आदेश तुरंत जारी करवाने और पट्टे दिलवाने का आग्रह किया है।

Similar News