अतिदुर्लभ रक्त की जरूरत पड़ी नहीं मिलने से मृत्यु
भीलवाड़ा | आचार्य तुलसी बहुउद्देशीय फाउंडेशन के संस्थापक सुनील ढीलीवाल ने बताया कि जिला मुख्यालय स्थित सांवरिया चिकित्सालय में अति दुर्लभ रक्त समूह A2 प्लस का मामला सामने आया।
सिंगोली,नीमच,मध्य प्रदेश निवासी राधा भील पत्नी नारायण भील को भर्ती कराया गया जिसका हीमोग्लोबिन मात्र दो रह गया था।
यह रक्त समूह अति दुर्लभ होने की वजह से प्रथम दृष्टिया ब्लड बैंक वाले भी तुरंत नहीं समझ पाए जब पता चला की रक्त समूह अति दुर्लभ है तो एटीबीएफ के ललित टहल्यानी को संपर्क किया गया जैसे ही संस्था को सूचना मिली संस्था के मुकेश शर्मा चिकित्सालय जाकर मरीज से मिले और जल्द से जल्द सहयोग का भरोसा दिलाया और तुरंत प्रभाव से रक्तदाता की तलाश जारी कर दी।
एटीबीएफ के दिनेश वैष्णव (विजयपुर वाले) ने मरीज के लिए पुणे में एक रक्तदाता अमूल डांगड़े को रक्तदान करने हेतु राजी कर लिया । चित्तौड़गढ़ जिले का यह पहला ऐसा मामला था कि इस तरह का रक्त समूह सामने आया था।
राजस्थान के आसपास के किसी भी क्षेत्र में इस तरह का मामला पहले देखने को नहीं मिला था टीम द्वारा पुणे के रक्तदाता को हवाई जहाज द्वारा उदयपुर से चित्तौड़ बुलाकर इस जीवनदान को करने का प्रयास किया ही जा रहा था इस दौरान मरीज की मृत्यु हो गई मरीज की उम्र मात्र 29 वर्ष थी।
परिवार को भी इस दुर्लभ रक्त समूह की जानकारी नहीं थी अगर उन्हें समय पर मरीज की बीमारी और रक्त समूह की जानकारी मिल जाती तो शायद समय पर संस्था से मदद मांग ली जाती और मरीज को बचाने में कामयाब हो जाते हैं।
एटीबीएफ संस्था द्वारा कुछ महीनो पहले भी अतिदुर्लभ रक्त समूह बॉम्बे ब्लड ग्रुप को बेगूं निवासी मरीज को अहमदाबाद में दो यूनिट हवाई जहाज से रक्त मंगवा करवा कर गर्भवती महिला की जान बचा ली गई थी।
अति दुर्लभ A2 प्लस रक्त समूह का मामला 5 साल पहले उड़ीसा के कटक में भी सामने आया था तब संस्था के दिनेश वैष्णव ने वेल्लूर तमिलनाडु से रक्त उपलब्ध करवा कर पुरी एयरपोर्ट पर पहुंचवा कर मरीज को जीवन दान दिलवाया था