नवरात्रि की धूम में अलग दिखने की चाह, फैंसी ड्रेस की बढ़ी मांग

Update: 2024-10-08 10:19 GMT



 भीलवाड़ा (राजीव दाधीच )।

पूरे देश में नवरात्रि का पावन पर्व गुरुवार, 3 अक्टूबर से धूमधाम से शुरू हो चुका है। देवी मंदिरों और आयोजन स्थलों में गरबा और डांडिया की धूम छाई हुई है। नवरात्रि के इस नौ दिवसीय पर्व के दौरान, जहां श्रद्धालु मां दुर्गा की पूजा-अर्चना में लीन हैं, वहीं गरबा प्रेमियों के लिए यह अवसर मौज-मस्ती का है।गरबा और डांडिया के लिए विशेष फैंसी ड्रेस की दुकानों पर रौनक देखने को मिल रही है।


 महिलाएं एवं युवतियाँ नई ड्रेस खरीदने के बजाय किराए पर लेना ज्यादा पसंद कर रही है। इसका मुख्य कारण हर दिन कुछ अलग दिखने की चाह है। दुकानदारों के अनुसार, गरबा का मुख्य आकर्षण तीसरे दिन से शुरू होकर नवरात्रि के अंत तक रहता है।



आयोजनों में भाग लेने वाले लोग गरबा की तैयारी के लिए विशेष पोशाकों की मांग कर रहे हैं। महिलाये ओर युवतियाँ फैंसी ड्रेस की दुकानों में अपनी पसंदीदा ड्रेस लेने पहुंच रहे हैं ताकि वे गरबा के मंच पर अपनी अलग पहचान बना सकें। गरबा में रंग-बिरंगी पोशाकों का विशेष महत्व है, और हर कोई अपने अंदाज में इस पर्व को मनाने की तैयारी में जुटा है।

यूनिक ड्रेसेस की संचालिका सोनिका जागेटिया ने बताया की लोग अलग-अलग थीम और राज्यों की पारंपरिक ड्रेस जैसे राजस्थानी,पंजाबी, मराठी, गुजराती परिधान किराए पर ले रहे हैं।



आजकल गरबा के लिए थीम आधारित ड्रेस की डिमांड की जा रही है। पिछले कुछ सालों से भीलवाड़ा में भी नवरात्रि के ड्रेस किराये पर लेने का चलन बढ़ गया है। क्योंकि यह नई ड्रेस खरीदने के बजाय काफी सस्ता पड़ता है। एक ही ड्रेस से 9 दिन गरबा करने के बदले बुटीक से किराए पर ले क़र रोज अपने आप को अलग लुक दे सकते हैं। प्रीती सिंगावत का कहना है की कपड़ों का ट्रेंड बदलता रहता है,हर साल नया फैशन वाला ड्रेस मार्केट में आता है, जिनको खरीदना संभव नहीं होता ऐसे में कम किराया चुकाकर महंगे ड्रेस आसानी से मिल जाते है।



हर रोज नया ड्रेस किराये पर लाकर पहन सकते है जब की खरीद कर सिर्फ एक दो ड्रेस ही मिल सकती है।

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