भीलवाड़ा के महात्मा गांधी अस्पताल के मुख्य द्वार पर अतिक्रमण बना परेशानी का कारण

Update: 2025-08-16 10:20 GMT

भीलवाड़ा (सम्‍पत माली)। शहर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल, महात्मा गांधी अस्पताल, के मुख्य प्रवेश द्वार के आस-पास अतिक्रमण की समस्या लगातार गंभीर होती जा रही है। अस्पताल में आने-जाने वाले मरीजों और उनके परिजनों को इस अतिक्रमण के चलते भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

मुख्य द्वार के पास बड़ी संख्या में फल-सब्जी विक्रेता और फेरीवाले ठेले लगाकर खड़े रहते हैं। यह ठेले अस्पताल की दीवारों से लेकर मुख्य मार्ग तक फैल चुके हैं, जिससे आने-जाने का रास्ता संकरा हो गया है। खासतौर पर आपातकालीन स्थिति में एम्बुलेंस का प्रवेश भी प्रभावित होता है।

फुटपाथ पर भी स्थिति चिंताजनक है। अस्पताल की बाहरी दीवार से सटे फुटपाथ पर महिलाओं के श्रृंगार की सामग्री बेचने वाले नजर आते हैं। कई दुकानदार प्लास्टिक की चादरें और अस्थायी टेंट लगाकर पूरी जगह घेर लेते हैं। इससे न सिर्फ पैदल चलने वालों को बल्‍कि‍ वाहन चालकों को भी परेशानी होती है।

स्थानीय लोगों और अस्पताल में आने वाले मरीजों ने कई बार प्रशासन से शिकायत की है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। मरीजों का कहना है कि अस्पताल में पहले से ही भीड़भाड़ होती है, और ऐसे में सड़क किनारे लगे अतिक्रमण स्थिति को और अधिक जटिल बना देते हैं। कई बार दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती है, क्योंकि तेज़ रफ्तार वाहन और ठेले के बीच फंसे लोग अचानक रास्ता पार करने लगते हैं।

कुछ दुकानदारों से बातचीत में सामने आया कि वे वर्षों से यहाँ कारोबार कर रहे हैं और उनका दावा है कि यही उनका रोज़गार का जरिया है। हालांकि, कानून की दृष्टि से यह अतिक्रमण ही माना जाएगा और सार्वजनिक स्थान पर इस तरह कब्जा करना अनुचित है।

शहरवासि‍यों ने प्रशासन से इस दिशा में गंभीरता से ध्यान देने और अस्पताल परिसर के आसपास अतिक्रमण हटाने के लिए विशेष अभियान चलाए जाने की मांग की। इससे न केवल मरीजों और उनके परिजनों को राहत मिलेगी, बल्कि शहर की यातायात व्यवस्था और सौंदर्य में भी सुधार होगा।

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