राजस्थान में स्कूलों और कॉलेजों में सड़क सुरक्षा क्लब की स्थापना, नाबालिग वाहन चालकों पर नियंत्रण
प्रदेश में नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने और तेज रफ्तार बाइक चलाने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है, जिससे सड़क हादसों की संख्या में इजाफा हो रहा है। अक्सर अभिभावक भी बच्चों को वयस्क होने से पहले ही वाहन चलाने की अनुमति दे देते हैं, जबकि उनके पास न तो वैध लाइसेंस होता है और न ही ट्रैफिक नियमों की पूरी जानकारी। इस स्थिति को देखते हुए शिक्षा विभाग ने स्कूलों और कॉलेजों में सड़क सुरक्षा क्लब बनाने का निर्णय लिया है।
शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार नए शिक्षा सत्र की शुरुआत के साथ ही सभी शिक्षण संस्थानों में सड़क सुरक्षा क्लब गठित किए जाएंगे। इन क्लबों का उद्देश्य विद्यार्थियों और आमजन को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करना होगा। इसके लिए रैली, कार्यशालाएं और विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
सड़क सुरक्षा क्लब का मुख्य लक्ष्य है विद्यार्थियों में ट्रैफिक नियमों का पालन सुनिश्चित कराना और सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या पर रोक लगाना। क्लबों के माध्यम से छात्रों को सुरक्षित ड्राइविंग, सड़क संकेतों का महत्व, हेलमेट और सीट बेल्ट के उपयोग तथा पैदल यात्रियों की सुरक्षा से संबंधित जानकारी दी जाएगी।
निर्देशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि बाल वाहिनी (स्कूल वाहन) से जुड़े सभी नियमों का सख्ती से पालन कराया जाएगा। इसमें वाहन की फिटनेस, निर्धारित गति सीमा, चालक की योग्यता और सुरक्षा मानकों पर नियमित निगरानी शामिल होगी। साथ ही शिक्षकों के लिए भी सड़क सुरक्षा से संबंधित क्षमता निर्माण कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी, ताकि वे विद्यार्थियों को बेहतर मार्गदर्शन दे सकें।