संकट मोचन हनुमान मंदिर व पेच के बालाजी मंदिर में धमूधाम से मनेगा हनुमान जन्मोत्सव, तैयारी पूरी
भीलवाड़ा (मदनलाल वैष्णव/सम्पत माली)। भगवान राम के अनन्य भक्त श्री हनुमानजी महाराज की जयंति पर बारह अप्रेल को भीलवाड़ा शहर में मुख्य डाकघर के नजदीक स्थित श्री संकटमोचन हनुमान मंदिर पर महन्त बाबूगिरीजी महाराज के सानिध्य में होने वाले विभिन्न आयोजन की तैयारियां पूरी हो गई हैं। हनुमान जयंति पर इस बार हनुमानजी महाराज को पहली बार ढाई हजार किलो केसरयुक्त गुलाबजामुन का महाभोग लगाया जाएगा। राजस्थान में हनुमान जंयति के अवसर पर किसी भी मंदिर में लगाया जाने वाला यह सबसे बड़ा महाभोग माना जा रहा है। इस मौके पर छह वर्षीय बालिका द्वारा तैयार किया गया हनुमान चालीसा के वीडियो का विमोचन भी होगा। श्री संकटमोचन हनुमान मंदिर के ट्रस्टी महावीरप्रसाद अग्रवाल एवं रमेश अग्रवाल ने बताया कि आयोजन को सफल बनाने के लिए व्यापक स्तर पर तैयारियां की गई है एवं भक्तों को अलग-अलग दायित्व सौंपे गए। भक्तगणों के सहयोग से होने वाले आयोजन में बारह अप्रेल को हनुमान जयंति पर हनुमानजी महाराज की प्रतिमा को स्वर्ण चोला चढ़ाया जाएगा। मंदिर का मनमोहक फूलों से आकर्षक श्रृंगार किया जाएगा। दोपहर सवा बारह बजे महाआरती के बाद हनुमानजी महाराज को ढाई हजार किलो केसरयुक्त गुलाब जामुन का महाभोग लगाया जाएगा। हनुमानजी के जन्तोत्सव पर ग्यारह किलो का केक भी काटा जाएगा। महाआरती एवं महाभोग के बाद गुलाबजामुन का प्रसाद भक्तों में वितरित किया जाएगा।
बालाजी मार्केट स्थित बालाजी मंदिर के पंडित आशुतोष शर्मा ने भीलवाड़ा हलचल न्यूज एप को बताया कि 12 अप्रैल को हनुमान जन्मोत्सव वैदिक परम्परा से अभिषेक करते हुए बड़े ही धूमधाम से मनाया जाएगा। हनुमान जन्मोत्सव को लेकर पूरे मंदिर परिसर को आकर्षक विद्युत सज्जा से सजाया गया । हनुमान जी को सायंकाल वेला में फूल बंगले में विराजित किया जाएगा । मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ होगा जिसमें सभी भक्तजन भाग ले सकते है । दिन में बारह बजे छप्पनभोग व महाआरती दर्शन होंगे । इसके बाद बालाजी को नुगती का भोग लगा भक्तोंं में प्रसाद वितरीत किया जाएगा । यह प्रसाद 75 टीन देशी घी, 80 बोरी शक्कर एवं 11 बोरी बेसन से नुगती का प्रसाद बनाया जा रहा है ।
हठीले हनुमान मंदिर पर 12 अप्रैल को हनुमान जन्मोत्सव पर स्वर्ण चोला चढ़ाया जाएगा, पंडित बालकिशन ने बताया कि दोपहर में महा परदादी होगी और शाम को सुंदरकांड पाठ o रात में महाआरती के बाद काजू कतली का भोग लगाया जाएगा।