शरीर का प्रेम ही मोह- स्वामी चैतन्यानंद
भीलवाड़ा। श्री रामधाम रामायण मंडल ट्रस्ट की ओर से हमीरगढ़ रोड स्थित रामधाम में चातुर्मास प्रवचन जारी है। प्रवचन को सुनने के लिए श्रद्धालुओं की जिज्ञासा काफी बढ़ी है। बड़ी संख्या में धर्म प्रेमी बंधु राम धाम पहुंच रहे हैं। शनिवार को प्रवचन में नर्बदा तट खरगोन के स्वामी चैतन्यानन्द गिरी ने श्रद्धालुओं को कहा कि शरीर का प्रेम ही मोह है। भगवान श्री राम ने बाली की पत्नी से कहा की ये बाली का जब उद्धार हुआ तब तारा ने कहा कि भगवान के प्रति किसको मानती हो शरीर को मानती हो या आत्मा को ये जीव आकाश की तरह व्यापक है। यह कोई वस्तु नहीं पुरुष भी नहीं और नपुंसंक भी नहीं है। शुद्ध विज्ञान और इसके लिए शौक नहीं होते। आग, पानी, वायु, अस्त्र शस्त्र किसी से नष्ट नहीं होगा। सुख दुख सबको होता है। यह अविवेकी है। अविवेक का बेटा अहंकार है।
ट्रस्ट के प्रवक्ता गोविंद प्रसाद सोडानी ने बताया कि प्रवचन के दौरान कीर्तन भज गोविंदम बालमुकुंदम परमानंद हरे हरे से रामधाम गुंजायमान रहा। चातुर्मास के तहत नियमित सुबह 9 बजे स प्रवचन हो रहे है । शनिवार को महाराज का आशीर्वाद शांतिलाल पोरवाल, नंदकिशोर शर्मा, ओमप्रकाश अग्रवाल, कन्हैयालाल मुंदडा आदि ने माल्यार्पण कर लिया। रविवार को साप्ताहिक रामायण पाठ का आयोजन दोपहर 2.30 से शाम 5 बजे तक क्यारा के बालाजी पुर में होगा। पाठ में भाग लेने वाले भक्तों के लिए की ऑटो सुविधा छोटी पुलिया, सुभाष नगर, बड़ा मंदिर, धान मंडी से रहेगी। शाम 5 बजे बाल संस्कार कार्यक्रम होगा।