मांडल में नहरों और केनाल की सफाई नहीं होने से खेतों में नहीं पहुंच पा रहा पानी, किसान हो रहे है परेशान, पानी हो रहा है बर्बाद

Update: 2024-11-22 09:46 GMT

मांडल (सोनिया सागर) । क्षेत्र के किसान बुवाई के लिए जलाशय के पानी को लेकर बड़े परेशान हो रहे है । नहरें खुलने के 12 दिन बाद भी उन्हें सिंचाई के लिए समय पर पानी नहीं मिल पा रहा हैं। मेजा बांध और मांडल तालाब से किसानों को रबी की फसल बुवाई के लिए दिया जाने वाला पानी नहरों और केनाल की सफाई नहीं होने के कारण खेतों में नहीं पहुंच पा रहा हैं जिसके कारण किसान बड़े परेशान हो रहे है । इस बार क्षेत्र में सामान्य से भी कम वर्षा होने से मांडल तालाब में मात्र 3 फिट के लगभग पानी आया वही मेजा बांध में 28 फिट के लगभग पानी आने से किसानों को थोड़ी उम्मीद बनी थी कि इस बार रबी की फसल की बुवाई अच्छी हो जाएगी लेकिन नहरों की साफ सफाई और रख रखाव में लापरवाही के चलते किसानों को पिलाई के लिए दिए जाने वाला पानी नहीं मिल पा रहा हैं। वही खेतों तक पानी ले जाने के लिए किसानों को भारी मशक्कत करनी पड़ रही हैं । नहरें जगह जगह से टूटी हुई होने के कारण पानी टेल तक नहीं पहुंच पा रहा हैं । वही पानी चोर भी सक्रिय होने के कारण नहरों को तोड़ रहे है जिसके कारण कई खेतों में रबी की फसल चौपट हो रही हैं और खेत दरिया बन रहे है। किसानों का आरोप हैं कि नहरों के रखा रखाव के लिए पूर्व की सरकार ने 10 करोड़ रुपयों का बजट दिया था लेकिन उसका कहीं धरातल पर उपयोग हुआ हैं वो दिखाई नहीं दे रहा हैं ।

सिंचाई विभाग के अधिकारी धीरज कुमार ने बताया कि पूर्ववर्ती सरकार ने जो बजट दिया था उसका सही जगह उपयोग हुआ हैं। सरकार के दिशा निर्देशानुसार नहर पर पुलिया निर्माण और शहर के मध्य निकल रही लगभग 12 किलोमीटर तक की नहर का जीर्णोद्धार कराया गया । साथ ही कई स्थानों पर केनाल का निर्माण किया गया हैं जितना बजट आया उसका काम करवाया गया है। वही सिंचाई के लिए नहरों में छोड़े गए पानी के बाद से ही बराबर निगरानी बनाई हुई हैं और पानी चोरी करने वालो पर नजर रखी जा रही है । नहर से पानी चोरी करने वाले 18 लोगों के खिलाफ मांडल थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई हैं । विभाग पूर्ण रूप से मुस्तैद हैं। सभी किसानों को समय पर पानी मिले ऐसी व्यवस्था की जा रही हैं।

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