6 जून को रखा जाएगा निर्जला एकादशी का व्रत, इस दिन भूलकर भी न करें ये 5 गलतियां

Update: 2025-06-05 07:45 GMT
6 जून को रखा जाएगा निर्जला एकादशी का व्रत, इस दिन भूलकर भी न करें ये 5 गलतियां
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निर्जला एकादशी, हिंदू धर्म की सबसे कठिन और पुण्यदायी एकादशियों में से एक, इस वर्ष 6 जून 2025 को मनाई जाएगी। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पड़ने वाला यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। मान्यता है कि निर्जला एकादशी का व्रत रखने से साल की सभी 24 एकादशियों का फल प्राप्त होता है, जिससे भक्तों को सुख, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह व्रत बिना जल और अन्न के किया जाता है, यही वजह है कि इसे साल का सबसे बड़ा एकादशी कहा जाता है। इस खास दिन पर पूजा-पाठ और दान के अलावा कुछ विशेष नियमों का पालन करना चाहिए और कुछ कार्यों से बचना चाहिए। आइए जानते हैं निर्जला एकादशी के दिन कौन सी 5 गलतियां नहीं करनी चाहिए।

1. तुलसी को जल अर्पित न करें

निर्जला एकादशी पर तुलसी को जल देना वर्जित है। मान्यता है कि इस दिन माता लक्ष्मी, जो तुलसी में निवास करती हैं, निर्जल उपवास रखती हैं। इसलिए तुलसी को जल अर्पित करने से व्रत का पुण्य कम हो सकता है। यदि पूजा में तुलसी पत्र की आवश्यकता हो, तो एक दिन पहले ही इकट्ठा कर लें।

2. चावल का सेवन न करें

एकादशी के दिन चावल या चावल से बनी चीजें खाना अशुभ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, चावल खाने से व्रत का फल नष्ट हो सकता है। निर्जला एकादशी पर यह नियम और सख्त है, क्योंकि इस दिन पूर्ण उपवास रखा जाता है। भक्तों को चावल से पूरी तरह परहेज करना चाहिए।

3. लहसुन और प्याज से बचें

निर्जला एकादशी पर तामसिक भोजन, जैसे लहसुन, प्याज, मांस और शराब, का सेवन वर्जित है। ये खाद्य पदार्थ सात्विकता को भंग करते हैं और व्रत के आध्यात्मिक लाभ को कम कर सकते हैं। इस दिन केवल सात्विक भोजन ही ग्रहण करना चाहिए, यदि व्रत न रखा जाए।

4. बैंगन, मसूर दाल, मूली और जड़ वाली सब्जियां न खाएं

निर्जला एकादशी पर बैंगन, मसूर दाल, मूली और जड़ में उगने वाली सब्जियों (जैसे आलू, गाजर) का सेवन नहीं करना चाहिए। ये खाद्य पदार्थ व्रत की पवित्रता को प्रभावित कर सकते हैं।

5. काले रंग के कपड़े न पहनें

निर्जला एकादशी पर काले रंग के कपड़े पहनने से बचें। काला रंग नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है, जबकि यह दिन सात्विकता और शुद्धता का प्रतीक है। इस दिन पीले या सफेद रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है, जो भगवान विष्णु को प्रिय हैं। 

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