आसींद। किशनपुरा गांव के ग्रामीणों ने नवसृजित बलैव पंचायत में अपने गांव को शामिल किए जाने का विरोध प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने मांग की है कि उन्हें बदनोर या परा पंचायत मुख्यालय में ही रखा जाए।
13 दिसंबर को बदनोर उपखंड क्षेत्र की परा पंचायत मुख्यालय के किशनपुरा राजस्व गांव के सैकड़ों पुरुष और महिलाएं गांव की हथाई पर एकत्रित हुए। उन्होंने बताया कि बलैव पंचायत मुख्यालय उनके गांव से 12 किलोमीटर दूर है।
ग्रामीणों के अनुसार, बलैव जाने वाला रास्ता कच्चा है और जंगल से होकर गुजरता है, जिससे जंगली जानवरों का भय बना रहता है। महिलाओं ने विशेष रूप से इस पर चिंता व्यक्त की। इसके विपरीत, बदनोर पंचायत मुख्यालय उनके गांव से मात्र 2 किलोमीटर दूर है।
किशनपुरा गांव की आबादी लगभग 850 है और इसके चार मजरे हैं: कुमलाई, खाखरिया खैड़ा, राति डांग और कतारिया का बाड़िया।
गांव की एक महिला, समदा रैबारी ने कहा कि गांव को बदनोर या परा पंचायत मुख्यालय में ही रखा जाना चाहिए। ग्रामीण भागूराम गुर्जर ने चेतावनी दी कि यदि उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो आगामी पंचायत राज चुनाव में पूरा गांव मतदान का बहिष्कार करेगा।
ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने पूर्व में पंचायत राज मंत्री ओटाराम देवासी, विधायक जबर सिंह सांखला, ब्यावर जिला कलेक्टर और बदनोर एसडीएम नीतू करोल को भी इस संबंध में ज्ञापन सौंपा था, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ है।
विरोध प्रदर्शन में मौजूद सैकड़ों ग्रामीणों की एक ही मांग थी कि उन्हें नवसृजित बलैव पंचायत में शामिल न किया जाए।
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