आरसीएम की देशव्यापी रूपांतरण यात्रा से जुड़े 5 लाख से अधिक लोग, भीलवाड़ा में हुआ समापन
भीलवाड़ा। आरसीएम की देशव्यापी रूपांतरण यात्रा में देशभर में 5 लाख से अधिक लोगों ने भाग लिया। यह यात्रा 100 दिनों के बाद 22 दिसम्बर को भीलवाड़ा, राजस्थान में पूरी हुई। यात्रा ने भारत के 75 शहरों का श्रमण किया और 17.000 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय की। इस जन-आधारित, जन नेतृत्व वाले अभियान के दौरान लाखों नए एसोसिएट बायर्स इससे जुड़े, जिनमें बड़ी संख्या ऐसे लोगों की रही जो पहली बार आत्मनिर्भर बनकर आजीविका के अवसरी की तलाश में आगे आए। ये सभी लोग आरसीएम के मूल संदेश "स्वास्थ्य, सेवा और संस्कार को देश के हर कोने तक पहुँचाने में सहभागी बनेंगे। 16 सितंबर 2025 को आरसीएम की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर शुरू हुई यह रूपांतरण याँत्रा देश के विभिन्न हिस्सों में आम नागरिकों और आरसीएम के एसोसिएट्स बायर्स की व्यापक आगीदारी का साक्षी बनी। इस जनसहभागिता ने यह सुनिश्चित किया कि उन लोगों के माध्यम से जो इस यात्रा का हिस्सा बने और इसके मूल्यों को आगे बढ़ा रहे हैं, स्वस्थ और विकसित भारत का संदेश अब गाँव-गाँव, शहर-शहर और स्थानीय समुदायाँ तक पहुँचे।
यात्रा का समापन आरसीएम वर्ल्ड, रीको ग्रोथ सेंटर, स्वरूपगंज, भीलवाड़ा में एक भव्य और उत्साहपूर्ण समारोह के साथ हुआ, जिसमें हजारों लोगों ने भाग लिया। इस अवसर पर नए भारत के निर्माण और प्रत्येक नागरिक के स्वास्थ्य एवं कल्याण की कामना के लिए शांति महा हवन का आयोजन किया गया। समापन समारोह में रूपांतरण यात्रा रथ और यात्रा दल का आरसीएम परिवार द्वारा अव्य स्वागत, नए भारत के निर्माण के लिए सामूहिक संकल्प, यात्रा की स्मृतियों की झलकियों, भव्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, वरिष्ठ प्रबंधन के संबोधन, यात्रा दल एवं बैंकएंड टीम के सम्मान में वृक्षारोपण, संगीतमय ध्यान से सजी संध्या और नए भारत के अगले अध्याय की शुरुआत शामिल रही। इस अवसर पर आरसीएम के संस्थापक और रूपांतरण यात्रा के सूत्रधार तिलोक चंद छाबड़ा नै कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की और इस राष्ट्रव्यापी यात्रा को सफल बनाने में योगदान देने वाले सभी लोगों का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न सामाजिक पहलों को भी प्रस्तुत किया गया, साथ ही सांस्कृतिक और संगीत प्रस्तुतियों ने उत्सव के माहौल को और जीवंत बना दिया। समारोह के अंत में सभी प्रतिभागियों ने एक स्वस्थ, सक्षम और मूल्य-आधारित भारत के निर्माण के लिए सामूहिक संकल्प लिया। यात्रा से मिली व्यापक प्रतिक्रिया और स्वास्थ्य-केंद्रित उत्पादों व उद्यमिता पर इसके फोकस के चलते आरसीएम अब देशभर के घर-घर तक अपनी पहुँच को और गहरा करने की दिशा में अग्रसर है। यात्रा के दौरान आयोजित शिविरों में 4,000 से अधिक लोगों ने स्वैच्छा से रक्तदान किया, जिससे यह देश की प्रमुख सामुदायिक रक्तदान पहलों में से एक बन गई।
इस यात्रा की एक विशेष उपलब्धि महिलाओं की मजबूत भागीदारी रही। देशभर में लाखों महिलाओं ने इस यात्रा में भाग लिया। कई स्थानों पर महिलाओं की संख्या पुरुषर्षो से अधिक रही, जो उद्द्रद्यमिता, स्वास्थ्य जागरूकता और सामुदायिक नेतृत्व के प्रति उनके बढ़ते उत्साह को दर्शाता है। राजनीति, सिनेमा और समाज सेवा जैसे विविध क्षेत्रो से जुड़े अतिथियों ने भी देशभर में स्थानीय समुदायों के साथ इस यात्रा में भाग लिया, जिनमें भीलवाड़ा में आशुतोष राणा, सूरत में मनोज जोशी, सिलीगुड़ी में बाईचुंग भूटिया और दिल्ली में अनुपम खेर प्रमुख रहें, जो रूपांतरण यात्रा की व्यापक और सर्वसमावेशी अपील का सूचक है।
उद्यमिता के साथ-साथ, यात्रा में स्वास्थ्य जागरूकता पर भी विशेष जोर दिया गया। मधुमेह, उच्च रक्तचाप, थायरॉइड और कोलेस्ट्रॉल जैसी जीवनशैली से जुडी समस्याओं पर व्यावहारिक सत्रों, स्वास्थ्य जाँच शिविरों और सामुदायिक संपर्क कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया गया। आरसीएम के संस्थापक तिलोकचंद छाबड़ा के जीवन पर आधारित हाल ही में प्रकाशित पुस्तक "मनसा वाचा कर्मणा एक कर्मयोगी की जीवनी भी यात्रा के दौरान प्रमुख रूप से प्रस्तुत की गई। यह पुस्तक उनके कर्मयोगी जीवन-यात्रा को दर्शाती है और उन मूल्यौ को प्रतिबिंबित करती है, जो आरसीएम की सोच और दीर्घकालिक दृष्टि को दिशा देते हैं।
यात्रा और उसके प्रभाव पर टिप्पणी करते हुए आरसीएम के मैनेजिंग डायरेक्टर सौरभ छाबड़ा ने कहा, "रूपांतरण यात्रा को वास्तव में सार्थक बनाने वाली बात यह रही कि देशभर के लोगों ने स्वास्थ्य, सेवा और संस्कार के संदेश से आत्मीय रूप से जुडाव महसूस किया। हमने देखा कि पूरे देश में आम नागरिक सच्चे रूपांतरणकर्ता बनकर आगे आए, जिन्होंने स्वस्थ जीवन, सामुदायिक सेवा और आर्थिक आत्मनिर्भरता की जिम्मेदारी स्वयं संभाली। यही सामूहिक भागीदारी एक स्वस्थ और विकसित भारत की मजबूत नींव रख रही है।"
आरसीएम की मैनेजिंग डायरेक्टर प्रियंका अग्रवाल ने कहा, 'इस यात्रा ने यह स्पष्ट किया है कि रूपांतरण की शुरुआत घर से होती है। जब परिवार एक साथ जुड़ते हैं और महिलाएँ व पुरुष समान भागीदारी के साथ आगे आते हैं. तो आत्मविश्वास बढ़ता है और समावेशी राष्ट्र निर्माण की साझा जिम्मेदारी की भावना मजबूत होती है। रूपांतरण यात्रा ने इसी सोच को जमीन पर उतारने का कार्य किया है।"
आरसीएम के सीईओ मनोज कुमार ने कहा, 'रूपांतरण यात्रा ने समाज के बीच आरसीएम के प्रति विश्वास को और मजबूत किया है। आगे चलकर हम अधिक घरों तक सुरक्षित और स्वास्थ्य केंद्रित उत्पादों की पहुँच बढ़ाते हुए, इसी मूल्य-आधारित और जन-आधारित विचारधारा का पालन करते रहेंगे, जिसने इस यात्रा को दिशा दी है।"
भीलवाड़ा में इसके समापन के साथ ही रूपांतरण यात्रा आरसीएम के अब तक के सफर में एक महत्वपूर्ण पड़ाव बन गई है। इस यात्रा से प्राप्त अनुभव और बने सामाजिक नेटवर्क आगे भी आरसीएम की कार्यप्रणाली को दिशा देते रहेंगे। सामुदायिक स्वास्थ्य, सेवा और जीवन मूल्यों के सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्ध रहते हुए, आरसीएम स्वावलम्बन, स्वास्थ्य केंद्रित उत्पादों की पहुँच और सामुदायिक सहभागिता को पूरे भारत में निरंतर विस्तार देता रहेगा।
आरसीएम कंज्यूमर प्रोडक्ट्स प्रा. लि. के बारे में: साल 2000 में एक टेक्सटाइल उत्पाद से शुरुआत करने वाला आरसीएम आज ₹2,400 करोड़ का उद्यम बन चुका है। वर्तमान में कंपनी 400 से अधिक उत्पादों की पेशकश करती है और इसके दो मिलियन से अधिक सक्रिय एसोसिएट बायर्स का नेटवर्क है। कंपनी का वितरण नेटवर्क 10,000 से अधिक रिटेल स्टोर्स और 170 डिपो तक फैला हुआ है।
आरसीएम के तीन अत्याधुनिक निर्माण संयंत्र भीलवाड़ा, गुवाहाटी और रुड़की में स्थित हैं। इन संयंत्रों के साथ एक समर्पित अनुसंधान एवं विकास (R&D) विंग कार्यरत है, जो सुनिश्चित करता है कि प्रत्येक उत्पाद स्वास्थ्य और सुरक्षा के उच्चतम मानकों पर खरा उतरे। कंपनी के लोकप्रिय ब्रांड्स में हेल्थ गार्ड, कीसोल, व्योमिनी, स्वीच्छा, नैसा, शिनोल, कैविगो, ईना, पियर-इट, ऑथेंज़ा, ओवीरा पेंट्स, पिक्सी, त्रिकारा, रेविटो, न्यूट्रीचार्ज, गुड डॉट, हरित संजीवनी, गामा ओरीजेनॉल, पीट्रॉन आदि शामिल हैं। ये ब्रांड्स खाद्य एवं किराना, हेल्थकेयर, पर्सनल केयर, होम केयर, फैशन, कॉस्मेटिक्स, लांजरी, हाइजीन, फुटवियर, पेंट्स, पोषण सप्लीमेंट्स और कृषि उत्पादों जैसी विभिन्न श्रेणियों में उपलब्ध हैं।
आरसीएम अपनी "आरसीएम सेवा" पहल के माध्यम से समाज के प्रति सक्रिय योगदान देता है। इस पहल के तहत मूल्य-आधारित शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, जल एवं ऊर्जा संरक्षण, नशामुक्ति जागरूकता, रक्तदान शिविर आदि जैसी अनेक सामाजिक गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं।
