ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को मिला होम्योपैथी चिकित्सा का प्रशिक्षण, स्वास्थ्य सेवाओं को मिलेगा नया विकल्प
भीलवाड़ा। ग्रामीण क्षेत्रों में वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों की पहुंच सुनिश्चित करने और आमजन को सुलभ चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ’उषा संस्था, जयपुर’ की पहल पर सुवाणा पंचायत समिति ब्लॉक में आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और ए.एन.एम. को होम्योपैथी चिकित्सा का विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सीपी गोस्वामी ने यह जानकारी देकर बताया कि यह प्रशिक्षण बाल विकास विभाग, भीलवाड़ा के सहयोग से आयोजित हुआ, जिसमें लगभग 250 से अधिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं एवं अधिकारियों ने भाग लिया। कार्यशाला का संचालन बाल विकास विभाग की उप निदेशक राजकुमारी खोरवाल द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि होम्योपैथी वैज्ञानिक, सुरक्षित, किफायती और प्रभावी चिकित्सा पद्धति है, जो कोविड काल में भी प्रभावी सिद्ध हुई है।
उषा संस्था के सदस्य पूर्व आई.ए.एस. प्रदीप कुमार बोरड ने बताया कि यह अभियान के अंतर्गत प्रदेश के 14 जिलों में 7000 से अधिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। प्रशिक्षण के दौरान डॉ. दिनेश चौधरी, डॉ. निधि सुखवाल, डॉ. सारिका जैन, डॉ. कुलदीप सोनगरा और डॉ. अखिलेश द्वारा होम्योपैथिक औषधियों की उपयोगिता, रोग आधारित उपचार एवं लक्षणों के आधार पर दवा चयन की जानकारी दी गई। कार्यशाला में महावीर इंटरनेशनल के पदाधिकारी अमित मेहता, कार्यशाला में एएनएम लीला और शिल्पा जैन ने अपने प्रशिक्षण अनुभव साझा किए और बताया कि किस प्रकार होम्योपैथी चिकित्सा आमजन की छोटी-बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं में सहायक बन सकती है।
इस प्रशिक्षण से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की क्षमता में वृद्धि होगी और होम्योपैथी जैसे वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति को जन-जन तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। कार्यक्रम का संचालन उषा संस्था अध्यक्ष रजनी बोरड द्वारा किया गया।