प्लास्टिक को कहें अलविदा! सरकार ने गांवों में खोले 'बर्तन बैंक, भीलवाड़ा जिले में अब तक खुले 30 ग्राम पंचायतों में बर्तन बैंक

भीलवाड़ा । अब गांवों में प्लास्टिक के बर्तनों का ढेर लगना बंद होगा! सरकार ने एक शानदार पहल की है - 'बर्तन बैंक'। इसका मकसद है प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करना और पर्यावरण को बचाना।
क्या है ये बर्तन बैंक?
ये एक तरह का सामुदायिक भंडार है, जहां आपको हर तरह के बर्तन मिलेंगे - प्लेट, गिलास, कटोरी, चम्मच, सब कुछ! गांव में कोई भी कार्यक्रम हो, शादी हो या कोई और उत्सव, आप यहां से बर्तन किराए पर ले सकते हैं। और सबसे अच्छी बात? ये बर्तन स्टील या दूसरे इको-फ्रेंडली मटेरियल से बने होंगे, प्लास्टिक से नहीं!
कैसे हो रही है शुरुआत?
पहले चरण में, हर ब्लॉक में तीन-तीन ग्राम पंचायतों को चुना गया है। कुछ गांवों में तो ये बैंक शुरू भी हो गए हैं और लोग इसका फायदा भी उठाने लगे हैं।
विधायक भी करेंगे मदद
इस योजना को और भी सफल बनाने के लिए, सरकार ने विधायकों को भी इसमें शामिल किया है। अब विधायक अपने इलाके में बर्तन बैंक खुलवाने के लिए अपने फंड से पैसे दे सकते हैं।
जिले में 30 ग्राम पंचायतों में शुरुआत
भीलवाड़ा जिले में भी 30 ग्राम पंचायतों में बर्तन बैंक खुल चुके हैं। इनमें ब्राह्मणों की सरेरी, शंभूगढ़, मोठी, पाटन, लाम्बिया कलां, बल्दरखा, बामणिया, सालरिया कलां, सजावटियां, तिलस्वा, सरेरी, कंवलियास, शक्करगढ, पिपलूंद, गुढा, चिताम्बा, करेड़ा, चावडिंया, कोटडी, पारोली, बडलियास, भावलास, घोडास, संतोकपुरा, सिंगोली, सरथला, बौराणा, नाथडियास, पिथा खेडा, खांखला, सहाडा, भुणास, कोठिया, ढिकोला, फुलिया कलां, मंगरोप, सुवाणा तथा भोपतपुरा शामिल है।
अब प्लास्टिक को कहें 'नो'!
इस पहल से गांवों में प्लास्टिक का इस्तेमाल कम होगा और हमारा पर्यावरण साफ-सुथरा रहेगा। तो अगली बार आपके गांव में कोई कार्यक्रम हो, तो प्लास्टिक के बर्तनों को 'नो' कहें और बर्तन बैंक से बर्तन किराए पर लें!