श्रीमद् भागवत ज्ञान महायज्ञ: सनातन धर्म की महिमा और गौ संरक्षण का संकल्प
भीलवाड़ा, पेसवानी भीलवाड़ा के अग्रवाल भवन में अग्रवाल समाज सेवा प्रन्यास के तत्वावधान में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत ज्ञान महायज्ञ में राजस्थान सरकार के डेयरी, पशुपालन एवं गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने सनातन धर्म के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सनातन धर्म मानव मात्र के कल्याण का प्रतीक है और इसे कोई नष्ट नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि जो लोग सनातन धर्म का विरोध करते हैं, उन्हें उचित उत्तर देना आवश्यक है, क्योंकि यह धर्म "वसुधैव कुटुंबकम" की भावना को आत्मसात करता है।
राम मंदिर और महाकुंभ के माध्यम से सनातन विरोधियों को दिया गया जवाब
मंत्री कुमावत ने कहा कि वर्तमान सरकार ने सनातन धर्म को सशक्त करने और विरोधियों को कड़ा जवाब देने के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। उन्होंने अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण और प्रयागराज में महाकुंभ जैसे भव्य आयोजनों का उदाहरण देते हुए कहा कि ये सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि सनातन धर्म की शक्ति को पुनः स्थापित करने के सशक्त प्रयास हैं।
गौ माता का संरक्षण आवश्यक, गौशालाओं को दी जा रही सहायता
गौ माता के संरक्षण पर जोर देते हुए मंत्री कुमावत ने कहा कि हमारे पूर्वज जब गौ माता की सेवा करते थे, तब पूरे परिवार में सुख-समृद्धि रहती थी। लेकिन जब से गौ माता की उपेक्षा शुरू हुई है, समाज में विघटन बढ़ने लगा है। उन्होंने कहा कि गाय से मिलने वाले दूध, दही, घी, गोमूत्र और गोबर कई असाध्य रोगों को दूर करने में सहायक हैं।
उन्होंने बताया कि राजस्थान सरकार द्वारा प्रदेशभर की गौशालाओं को 1200 करोड़ रुपए का अनुदान दिया जा रहा है, साथ ही नई गौशालाओं की स्थापना के लिए भी विशेष योजनाएं चलाई जा रही हैं। उन्होंने समाज के सभी वर्गों से गौशालाओं के विस्तार में योगदान देने का आह्वान किया।
मंत्री कुमावत ने सभी श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि वे गौ माता की सेवा में सहभागी बनें और यदि व्यक्तिगत स्तर पर गौपालन संभव न हो, तो गौशालाओं के माध्यम से गौसंरक्षण में योगदान दें।
महामंडलेश्वर स्वामी जगदीश पुरी महाराज का आह्वान
व्यास पीठ पर विराजमान महामंडलेश्वर स्वामी जगदीश पुरी महाराज ने राजस्थान सरकार द्वारा किए जा रहे गौ संरक्षण के प्रयासों की मुक्त कंठ से प्रशंसा की। उन्होंने गौमयी उत्पादों के विपणन की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि वर्तमान में लगभग 70 से 75 गौ आधारित उत्पाद उपलब्ध हैं, लेकिन उनकी बाजार में पर्याप्त मांग नहीं है।
स्वामी जी ने कहा कि गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सरकार को और अधिक प्रयास करने चाहिए। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित गौशालाओं की स्थिति अत्यंत दयनीय है, क्योंकि उन्हें गौसेवा के लिए किए गए व्यय का मात्र 10% अनुदान के रूप में प्राप्त होता है। उन्होंने सरकार से गौशालाओं के लिए आर्थिक सहायता बढ़ाने और इन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाने की अपील की।
समारोह में उपस्थित गणमान्य अतिथि
इस पावन अवसर पर भीलवाड़ा सांसद दामोदर अग्रवाल, मांडल विधायक उदयलाल भडाणा, भीलवाड़ा विधायक अशोक कोठारी, शक्करगढ़ स्थित श्री अमर ज्ञान निरंजनी आश्रम के ट्रस्टी टी.सी. चौधरी, सुरेश चंद्र रुइया, संजय निमोदिया, सुरेंद्र जोशी और मुकेश बांगड़ सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। सभी ने व्यासपीठ पर जाकर स्वामी जी से आशीर्वाद प्राप्त किया और सनातन धर्म व गौ सेवा के लिए अपने योगदान की प्रतिबद्धता व्यक्त की।