एमएलवी राजकीय महाविद्यालय में बौद्धिक संपदा अधिकार पर विशेष कार्यशाला का आयोजन

By :  vijay
Update: 2024-09-04 18:31 GMT


भीलवाड़ा  एमएलवी महाविद्यालय के नवाचार और कौशल विकास प्रकोष्ठ एवं वाणिज्य संकाय के संयुक्त तत्वावधान में 4 सितंबर 2024 को बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस सत्र में अधिकृत आई पी आर एजेंट एडवोकेट (सीएस) अजय नौलखा मुख्य वक्ता रहे। उन्होंने बौद्धिक संपदा अधिकारों के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत जानकारी दी और बताया कि आज के वैश्विक दौर में ट्रेडमार्क, पेटेंट, कॉपीराइट, और ज्योग्राफिकल इंडिकेशन कितने महत्वपूर्ण हैं।

नौलखा ने नवाचार को पेटेंट कराने की प्रक्रिया, पेटेंट से जुड़े कानून और इसके महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने ट्रेडमार्क की आवश्यकता और ब्रांड प्रोटेक्शन की अहमियत पर बात करते हुए बताया कि किस प्रकार ट्रेडमार्क लिटिगेशन से बचा जा सकता है। इसके अलावा, उन्होंने प्रोफेसर्स और छात्रों द्वारा लिखी गई पुस्तकों के कंटेंट को कॉपीराइट कराने और इससे जुड़े कानूनी उपायों की जानकारी दी। साथ ही ज्योग्राफिकल इंडिकेशन के महत्व और उसके रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पर भी चर्चा की।

नौलखा ने यह भी बताया कि आज के समय में आईपीआर का कमर्शलाइजेशन और ग्लोबल बाजार में इसकी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने नवीनतम ट्रेडमार्क न्यायियिक प्रकरण और आईपीआर से जुड़े अन्य मामलों पर अपने अनुभव साझा किए।

इस सत्र का अध्यक्षीय उद्बोधन प्राचार्य डा. राजकुमार चतुर्वेदी द्वारा किया गया। उन्होंने पेटेंट से जुड़ी भूतपूर्व वित्त मंत्री के साथ उनकी प्रेरणास्पद चर्चा का उल्लेख किया।कार्यक्रम की भूमिका नवाचार प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ कश्मीर भट्ट ने प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि कैसे मंत्रों और पुराणों में लिखे तथ्यों पर पाश्चात्य देशों ने पेटेंट लेकर एकाधिकार किया। कार्यक्रम का संचालन प्रो. नेहा आंचलिया ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ सुमीत कच्छारा द्वारा प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर पचास से अधिक संकाय सदस्य और शोधार्थी उपस्थित थे।

इस कार्यक्रम को लेकर सभी उपस्थितजन उत्साहित रहे और बौद्धिक संपदा अधिकारों के विभिन्न पहलुओं पर गहन जानकारी प्राप्त की।

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