पांच वर्ष की रखरखाव व्यवस्था से हो अनुबंध, पौधे जीवित रहने की स्थिति में हो भुगतान

Update: 2025-12-28 11:21 GMT

भीलवाड़ा। पर्यावरण संरक्षण को लेकर पर्यावरणविद् बाबूलाल जाजू ने भीलवाड़ा जिले की सभी पंचायतों में प्रतिवर्ष पौधारोपण कराए जाने की मांग को लेकर सांसद दामोदर अग्रवाल, आसींद विधायक जब्बर सिंह सांखला, मांडल विधायक उदयलाल भड़ाना, सहाड़ा विधायक लादूलाल पितलिया, भीलवाड़ा विधायक अशोक कुमार कोठारी, शाहपुरा विधायक लालाराम बैरवा, जहाजपुर विधायक गोपीचंद मीणा तथा मांडलगढ़ विधायक गोपाललाल खंडेलवाल को पत्र लिखकर मांग की है कि भीलवाड़ा जिला औद्योगिक व खनन गतिविधियों से प्रभावित रहा है, जिससे पर्यावरण संतुलन बिगड़ा है। ऐसे में जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत में कम से कम 15 हेक्टेयर चरागाह भूमि पर प्रतिवर्ष पौधारोपण किया जाना आवश्यक है। जाजू ने सुझाव दिया है कि डीएमएफटी फंड से नीम, करंज, शीशम, पीपल, बरगद जैसे अधिक प्राणवायु देने वाले छायादार व दीर्घायु पौधों के साथ ही फलदार पौधों का रोपण कराया जाए। इसके साथ ही पौधों की सुरक्षा के लिए जाली फेंसिंग, बोरिंग, पाइपलाइन, सोलर पनघट तथा ड्रिप इरिगेशन सिस्टम की व्यवस्था की जाए, ताकि पौधों का दीर्घकालीन संरक्षण सुनिश्चित हो सके। बाबूलाल जाजू ने यह भी मांग की है कि पौधारोपण कार्य ग्राम पंचायतों के माध्यम से पांच वर्ष की अवधि तक रखरखाव सहित कराया जाए, जिसमें पानी, सुरक्षा, निराई-गुड़ाई एवं चौकीदारी शामिल हो। उन्होंने यह प्रस्ताव रखा कि कॉन्ट्रेक्टर को भुगतान पौधों के जीवित रहने की स्थिति से हो ताकि पौधों का समुचित संरक्षण हो सके।

जाजू ने सांसद एवं विधायकों से आग्रह किया है कि वे डीएमएफटी गवर्निंग कमेटी में इस प्रस्ताव को प्राथमिकता से रखकर स्वीकृति दिलाने में व्यक्तिगत रुचि लें, जिससे भीलवाड़ा जिले में हरियाली बढ़ने के साथ ही डीएमएफटी फंड के वास्तविक उद्देश्य की पूर्ति हो, वर्षा में वृद्धि हो और पर्यावरण संरक्षण के राष्ट्रीय कार्यक्रम में जिले की प्रभावी भागीदारी सुनिश्चित हो सके।

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