इंदिरा मार्केट में साप्ताहिक हाट लगाने की अनुमति की मांग, जन अधिकारी समिति ने सौंपा ज्ञापन
भीलवाड़ा। भीलवाड़ा में दशकों से पुराने कपड़े के व्यवसाय से जुड़े घुमंतू, अर्घ-घुमंतू वागरी समाज ने अपने साप्ताहिक हाट व्यापार को सुचारू रूप से जारी रखने की अनुमति के लिए मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा। संयोजक राजकुमार मालावत के नेतृत्व में सौंपे गए इस ज्ञापन में समाज के लगभग 150 परिवारों के जीवन यापन के एकमात्र साधन पर गहराए संकट को रेखांकित किया गया है।
संयोजक राजकुमार मालावत ने बताया कि वागरी समाज के ये परिवार भीलवाड़ा के बसने के समय से ही यहां निवास कर रहे हैं और पिछले 50 वर्षों से इंदिरा मार्केट क्षेत्र में अपना व्यवसाय कर रहे हैं। उनके राशन कार्ड, मूल निवास और पहचान पत्र जैसे सभी दस्तावेज इसी क्षेत्र के पते से दशकों से जुड़े हुए हैं।
ज्ञापन में बताया कि वागरी समाज सप्ताह भर कड़ी मेहनत कर, पुराने बर्तनों के बदले पुराने कपड़े इकट्ठा करता है और हर रविवार को इंदिरा मार्केट में साप्ताहिक हाट लगाकर उसे बेचता है। यह उनकी आय का एकमात्र स्रोत है। कुछ मार्केट व्यवसाई झूठे आरोप लगाकर इन गरीब परिवारों पर यहां से पलायन करने का दबाव बना रहे हैं।
संयोजक राजकुमार मालावत ने कलेक्टर महोदय से अपील की है कि यदि यह हाट व्यापार बंद हो जाता है, तो करीब 150 परिवारों के सामने भूखमरी और रोटी का संकट उत्पन्न हो जाएगा, जिससे वे गलत रास्तों पर जाने को मजबूर हो सकते हैं। इंदिरा मार्केट पटरी पार का यह स्थान आम, किसान और मजदूर वर्ग की आवाजाही का मुख्य मार्ग है, जिससे उनके व्यवसाय को बल मिलता है।
ज्ञापन में जिला कलेक्टर से मानवीय आधार पर इस समस्या का तत्काल समाधान करने और इन गरीब परिवारों को हर रविवार को इंदिरा मार्केट में साप्ताहिक हाट सुचारू रूप से लगाने की अनुमति प्रदान करने की अनुकंपा करने का निवेदन किया गया है। उक्त समस्या पर 7 दिवस में उचित कार्यवाही नहीं होने पर जन आंदोलन करने को मजबूर होना पड़ेगा।
इस दौरान भाजपा जिला संयोजक डीएनटी प्रकोष्ठ भागचन्द झांझावत, सहसंयोजक भंवर नाथ सपेरा, डीएनटी प्रकोष्ठ जिला कार्यकारिणी सदस्य जगदीश दास रंगास्वामी, मेवाराम नायक, नारी वागरी, गिरधारी नायक, प्रकाश वागरी, विक्की वागरी, मंगल वागरी, राजू वागरी, वाटू वागरी, करन वागरी, कमल वागरी, भयू गवारिया, संजय, अमर, विष्णु, राजू, सीता, मीना, पोमली, सुशीला सहित वागरी एवं गुजराती वागरी समाज के लोग उपस्थित थे।
