अदाणी समूह ने खुद के वित्तीय रूप से मजबूत होने का किया दावा, कहा- बाहरी कर्ज के बिना भी विकास संभव
अरबपति गौतम अदाणी के समूह ने सोमवार को निवेशकों के लिए अपनी पोर्टफोलियो कंपनियों के वित्तीय और ऋण विवरण जारी किए। इसमें कंपनी के मजबूत मुनाफे और नकदी प्रवाह का प्रदर्शन किया गया। कंपनी के अनुसार वह हरी ऋण पर निर्भरता के बिना भी अपनी विकास को गति को बनाए रखा जा सकता है।
बंदरगाहों से लेकर ऊर्जा तक का कारोबार करने वाले अदाणी समूह ने निवेशकों के लिए जारी एक प्रस्तुति में अपने लगातार बढ़ते मुनाफे और नकदी प्रवाह के बारे में बताया। जिसके अनुसार समय के साथ कंपनी की ऋण पर निर्भरता कम हुई है। कंपनी के संस्थापक अध्यक्ष गौतम अदाणी और दो अन्य अधिकारियों के खिलाफ अमेरिकी अदालत में सौर ऊर्जा अनुबंध हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप है।
अब समूह की कुल संपत्ति में इक्विटी का योगदान करीब दो तिहाई है, जो पांच साल पहले की तुलना में काफी अलग है। पिछले छह महीनों में समूह ने करीब 75,227 करोड़ रुपये का निवेश किया, जबकि कुल कर्ज में सिर्फ 16,882 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई। इस विववरण के साथ-साथ निवेशकों के साथ एक नोट भी साझा किया गया।
समूह की लिक्विडिटी से जुड़े एक नोट में कहा गया, "अदाणी पोर्टफोलियो कंपनियों के पास कम से कम 12 महीनों के लिए सभी ऋण सेवा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त तरलता है। 30 सितंबर, 2024 तक, अदाणी पोर्टफोलियो कंपनियों के पास 53,024 करोड़ रुपये की नकदी थी, जो इसके कुल सकल बकाया ऋण का 21 प्रतिशत के करीब थी।" उन्होंने कहा कि यह राशि अगले 28 महीनों की ऋण सेवा आवश्यकता को पूरा करने के लिए पर्याप्त है।
पूर्व में अदाणी समूह ने अगले 10 वर्षों में पोर्टफोलियो कंपनियों में 8 लाख करोड़ रुपये (100 बिलियन अमरीकी डॉलर) से अधिक निवेश करने की योजना की घोषणा की थी। पिछले 12 महीनों में परिचालन से प्राप्त निधि प्रवाह (एफएफओ) या नकद लाभ 58,908 करोड़ रुपये रहा और पिछले पांच वर्षों में इसमें 30 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई। समूह अगले 10 वर्षों में अपने आंतरिक नकदी स्रोतों से केवल 5.9 लाख करोड़ रुपये ही निवेश कर पाएगा, जिससे बाहरी ऋण पर निर्भरता बहुत कम रह जाएगी।
कंपनी की ओर से साझा किए गए विवरण के अनुसार पिछले 12 महीनों में EBITDA (ब्याज, कर और मूल्यह्रास से पहले की आय) अत्यधिक स्थिर है। यह बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए पर्याप्त है, जो 17 प्रतिशत बढ़कर 83,440 करोड़ रुपये हो गई। मौजूदा वार्षिक नकदी प्रवाह से ही तीन वर्षों में सम्पूर्ण ऋण का भुगतान किया जा सकता है।
सकल परिसंपत्ति या निवेश में 75,227 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई, जबकि कुल ऋण में केवल 16,882 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई। परिसंपत्ति आधार अब बढ़कर 5.5 लाख करोड़ रुपये हो गया है। इसमें कहा गया है कि समूह की कंपनियों की रेटिंग में सुधार के कारण उधार लेने की औसत लागत 8.2 प्रतिशत पर है, जो पांच वर्षों में सबसे कम है।
अदाणी समूह पर घरेलू बैंकों का दीर्घावधि ऋण 94,400 करोड़ रुपये है। इसके मुकाबले समूह के पास 53,024 करोड़ रुपये की नकदी है, जिसका अधिकांश हिस्सा भारतीय बैंकों के पास जमा है। वैश्विक बैंकों से लिया गया उधार कुल ऋण का 27 प्रतिशत है।