धनखड़ ने कहा- हम अप्रासंगिकता की ओर बढ़ रहे; बिरला बोले- सांसदों, संसद को लेकर जनता चिंतित
संसद में अदाणी समूह से जुड़े आरोपों और संभल हिंसा समेत कई मुद्दों पर विपक्ष का हंगामा जारी है। इस वजह से शुक्रवार को लगातार चौथे दिन गतिरोध बना रहा। ऐसे में लोकसभा और राज्यसभा को एक-एक बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। हंगामे के कारण दोनों ही सदनों में प्रश्नकाल और शून्यकाल नहीं चल पाए। सोमवार से शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन से अदाणी समूह से जुड़े आरोपों, संभल हिंसा, महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों को लेकर विपक्ष सरकार पर दबाव बनाए हुए है। इस वजह से दोनों सदनों में गतिरोध कायम है।
इस बीच राज्यसभा में विपक्षी सांसदों की लगातार नारेबाजी के बीच सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि इसकी सराहना नहीं की जा सकती। हम बहुत खराब मिसाल कायम कर रहे हैं। हमारे काम जनता-केंद्रित नहीं हैं। हम अप्रासंगिकता की ओर बढ़ रहे हैं। सदन की कार्यवाही सोमवार, 2 दिसंबर को सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित की जाती है।
वहीं, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच शुक्रवार को कहा कि देश की जनता सांसदों एवं संसद के बारे में चिंतित है तथा वह चाहती है कि सदन की कार्यवाही चले। उन्होंने यह टिप्पणी प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी सदस्यों से सदन की बैठक चलने देने की अपील करते हुए की।
बिरला ने इस दौरान नारेबाजी कर रहे विपक्षी सदस्यों से कहा कि देश की जनता चाहती है कि सदन चले। कई माननीय विद्वानों ने लिखा है कि संसद चलनी चाहिए, चर्चा-संवाद होना चाहिए। सहमति और असहमति हमारे लोकतंत्र की ताकत है। हंगामा नहीं थमने पर लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही पूर्वाह्न करीब 11 बजकर 10 मिनट पर दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी।