राष्ट्रीय जलमार्गों के विकास से लिए पांच वर्षों में होगा 50 हजार करोड़ का निवेश, सर्बानंद सोनोवाल बोले
इनलैंड वाटरवेज डेवलपमेंट काउंसिल (आईडब्ल्यूडीसी), जो देश में आंतरिक जलमार्ग नेटवर्क पर नीति निर्णयों का सर्वोच्च निकाय है, ने शुक्रवार को अगले पांच वर्षों में 50,000 करोड़ से अधिक के निवेश की घोषणा की। राष्ट्रीय जलमार्गों के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए की यह घोषणा आईडब्ल्यूडीसी की दूसरी बैठक में की गई।
सर्बानंद सोनोवाल की अध्यक्षता में बैठक
यह घोषणा असम के काजीरंगा में आयोजित इनलैंड वाटरवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (आईडब्ल्यूएआई) में की गई। इसमें 21 आंतरिक जलमार्गों के माध्यम से 1,400 करोड़ से अधिक की नई पहलों की घोषणा की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने किया।
इस बैठक में एक प्रमुख नीति पहल, 'रिवेरिन कम्युनिटी डेवलपमेंट स्कीम' का प्रस्ताव दिया गया। इसका उद्देश्य तटीय समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाना है, जलमार्गों के आसपास बुनियादी ढांचे का विकास करना, व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देना, कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना और समुदायों के पारंपरिक नदी ज्ञान को अपग्रेड करना है।
'एक हजार ग्रीन वेसल्स लॉन्च करने का लक्ष्य'
इस मौके पर सोनोवाल ने कहा, हम आंतरिक जलमार्गों के समर्थन प्रणाली को पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रहे हैं ताकि हम रेलवे और सड़कों पर दबाव कम कर सकें। साथ ही यात्रियों और माल ऑपरेटरों के लिए एक टिकाऊ, आर्थिक और प्रभावी परिवहन प्रणाली प्रदान कर सकें। आईडब्ल्यूडीसी में, हमने विकास के अवसरों को अनलॉक करने के लिए समाधान पेश किए हैं। इस संदर्भ में, हमने 1,000 ग्रीन वेसल्स लॉन्च करने का लक्ष्य रखा है।
केंद्रीय मंत्री ने आईडब्ल्यूडीसी के रोजगार सृजन और कौशल प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करते हुए कहा, बैठक में आंतरिक जलमार्ग परिवहन (आईडब्ल्यूटी) के उन्नयन के लिए प्रमुख परियोजनाओं का प्रस्ताव रखा गया है। सरकार जलमार्गों पर शिपबिल्डिंग और शिप रिपेयर सुविधाएं स्थापित करने की योजना बना रही है। इससे लॉजिस्टिक्स लागत में कमी आएगी, सहायक उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और तटीय समुदायों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
दक्षिण एशिया में बढ़ा रहे हैं कनेक्टिविटी
देश में आंतरिक जलमार्गों की वृद्धि को रेखांकित करते हुए सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि अप्रैल से नवंबर 2024 तक, राष्ट्रीय जलमार्गों में पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 7% की वृद्धि दर्ज की गई है। पिछले एक दशक में नदी क्रूज पर्यटन में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है, और नदी क्रूज पोत 2013-14 में तीन से बढ़कर 2023-24 में 25 हो गए हैं। उन्होंने कहा, रणनीतिक क्षेत्रीय परियोजनाओं और बांगलादेश, नेपाल, भूटान, म्यांमार और अन्य पड़ोसी देशों के साथ समझौतों के माध्यम से, हम दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय व्यापार और निर्बाध परिवहन कनेक्टिविटी को बढ़ावा दे रहे हैं।
डिब्रूगढ़ में क्षेत्रीय उत्कृष्टता केंद्र स्थापित होगा
आंध्र प्रदेश में आईडब्ल्यूडी को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय मंत्री ने गोदावरी नदी (एनडब्ल्यू 4) पर छह फ्लोटिंग स्टील जेटी के निर्माण की घोषणा की। इसके अलावा, उन्होंने नदी पेनना (एनडब्ल्यू 79) पर एक व्यवहार्यता अध्ययन और एनडब्ल्यू 4 का डीपीआर तैयार करने की घोषणा की। असम के लिए, उन्होंने डिब्रूगढ़ में एक क्षेत्रीय उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने की घोषणा की, जो आईडब्ल्यूटी क्षेत्र के लिए मानव संसाधन को प्रशिक्षित और विकसित करने के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देगा। उन्होंने नदी बराक (एनडब्ल्यू 16) के लिए 12 वेसल्स और एक सर्वे वेसल के डिजाइन, निर्माण, आपूर्ति, परीक्षण और कमीशनिंग की भी घोषणा की।
गोवा से लद्दाख तक बहेगी विकास की बयार
सर्बानंद सोनोवाल ने गोवा के लिए नदी मंडोवी (एनडब्ल्यू 68), नदी कंबरजुआ (एनडब्ल्यू 27) और नदी जुआरी (एनडब्ल्यू111) पर दस सामुदायिक जेटी और नदी साल (एनडब्ल्यू 88) और नदी चपोरा (एनडब्ल्यू 25) पर तीन अतिरिक्त जेटी की घोषणा की। उन्होंने उत्तर प्रदेश और बिहार में दो क्विक पॉंटून ओपनिंग मैकेनिज़्म (क्यूपीओएम) की शुरुआत की। दिल्ली में नदी यमुना (एनडब्ल्यू 110) पर दो जेटी और जम्मू और कश्मीर में नदी झेलम (एनडब्ल्यू 49) पर सात जेटी की घोषणा की। सर्बानंद सोनोवाल ने नदी चेनाब (एनडब्ल्यू 26) और नदी रवि (एनडब्ल्यू 84) को पर्यटन के लिए शुरू करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा, लद्दाख में, नदी सिंधु (एनडब्ल्यू 46) पर दो जेटी और एक ग्रीन वेसल की स्थापना की जा रही है।
सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, ये सभी सुधार 2014 से राष्ट्रीय जलमार्गों में किए गए निवेशों के कारण संभव हो पाए हैं। राष्ट्रीय जलमार्ग अधिनियम 2016 और इन्लैंड वेसल्स अधिनियम 2021 जैसे विधायी सुधारों ने देशभर में जलपोतों की सुरक्षित और सुचारू आवाजाही को आसान बनाया है। बैठक में असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा, केंद्रीय राज्य मंत्री (पोर्ट्स, शिपिंग और जलमार्ग) शंतनु ठाकुर, गोवा के पोर्ट्स मंत्री और असम, मणिपुर, जम्मू और कश्मीर, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश के परिवहन मंत्री सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।