भूख-प्यास से मर गई 80 वर्ष की मां
मानवीय संवेदना को झकझोर देने वाली एक घटना में वृद्धा की मौत के दो महीने बाद पुलिस ने मृतका के एक बेटे के विरुद्ध गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है। बीमार मां ललिता दुबे को घर में बंद कर बेटा अरुण पत्नी और बेटे को लेकर उज्जैन चला गया था। दो दिन तक भूखी-प्यासी रही वृद्धा ने दम तोड़ दिया था।
घटना की जानकारी भी घर से दुर्गंध आने पर तब मिली जब पड़ोसियों ने पुलिस को बुलाया। घटना का दर्दनाक पहलू यह भी है कि पति की मृत्यु के बाद मिलने वाली पेंशन से मां इस बेटे का भी भरण-पोषण कर रही थी। घटना 19 अक्टूबर को निशातपुरा थाना क्षेत्र की गोया कालोनी में हुई थी।पुलिस ने जांच में पाया गया कि अरुण दुबे की लापरवाही की वजह से ही ललिता देवी की मौत हुई है। इस आधार पर उसके विरुद्ध गैर इरादतन हत्या और भरण-पोषण कानून की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। सब इंस्पेक्टर रामसिंह ठाकुर ने बताया कि 80 वर्षीय ललिता दुबे अपने मकान में छोटे बेटे अरुण के साथ रहती थीं।
19 अक्टूबर को सुबह ललिता देवी का शव उनके घर का ताला तोड़कर अंदर से बरामद किया गया था। पूछताछ में पता चला था कि अरुण दो दिन पहले घर में ताला लगाकर पत्नी व ढाई वर्ष के बेटे को लेकर कहीं चला गया था। घटना की सूचना मिलने पर ललिता देवी का बड़ा बेटा अजय इंदौर से आ गया था। वह पुलिस सब इंस्पेक्टर है।
बता दें, ललिता के पति श्यामलाल दुबे भोपाल पुलिस में हवलदार थे। उनके तीन बेटों में अरुण सबसे छोटा है। बड़ा बेटा इंदौर में रहता है और मंझले बेटे की एक साल पहले मौत हो गई थी। अरुण मानसिक रूप से कमजोर बताया जा रहा है। वह बेरोजगार भी था।
पुलिस की जांच में सामने आया कि ललिता देवी वयोवृद्ध होने के साथ ही बीमार भी चल रही थीं। वह अधिकतर समय बिस्तर पर ही रहती थीं। अनुमान है कि समय पर दवा और भोजन-पानी नहीं मिलने के कारण उनकी मौत हो गई। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनकी मृत्यु की वजह हृदय गति रुकना बताई गई है।