कांग्रेस के बाद शरद पवार की NCP ने भी किया ईवीएम का विरोध, कहा- शक न हो, इसलिए छोटा चुनाव जिता देते हैं

By :  vijay
Update: 2024-11-26 12:48 GMT

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को लेकर विवाद जारी है। खासकर महाराष्ट्र में चुनावी नतीजों के एलान के बाद महायुति की जीत विपक्षी महा विकास अघाड़ी के गले नहीं उतर रही। ऐसे में पहले कांग्रेस और अब शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा-एसपी) ने भी ईवीएम को लेकर सवाल खड़े किए हैं और मतपत्रों के जरिए चुनाव कराने की मांग की है।

क्या बोले राकांपा-एसपी नेता?

राकांपा-एसपी के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक के बाद पार्टी के नेता जितेंद्र अव्हाड ने कहा, "लगभग सभी उम्मीदवारों ने ईवीएम के खिलाफ बहुत गुस्सा दिखाया है। सभी ने कहा है कि इसके खिलाफ एक आवाज उठनी चाहिए। हरियाणा लिया, जम्मू कश्मीर दिया, महाराष्ट्र लिया, झारखंड दिया। ताकि आपको शक न आए। क्या बोलेंगे कि झारखंड में तो जीते न तुम ईवीएम पर। मैंने हमेशा कहा है कि छोटा चुनाव दे देंगे आपको। बड़ा चुनाव साथ में लेकर जाएंगे।"

अव्हाड ने आगे कहा, "जब लोकसभा से पहले कर्नाटक में विधानसभा चुनाव हुए, वो हम जीत गए। हम भी हवा में चले गए। बोले- नहीं-नहीं ईवीएम बराबर है। असल में ईवीएम का इस्तेमाल लोगों को मूर्ख बनाने के लिए किया जाता है। यानी दाना डालो पंछी लो और इधर से बड़ा हाथी खींच लो।"

अमेरिका में चुनाव का दिया उदाहरण

राकांपा-एसपी नेता ने अमेरिका का उदाहरण देते हुए कहा, "अमेरिका जैसे प्रगत राष्ट्र में, उधर आज भी बैलेट पेपर से चुनाव होता है। तुम अमेरिका से प्रगत तो नहीं हो। वहां सात-सात दिन काउंटिंग चलता है। ऐसी कोई बड़ी बात नहीं है कि इधर चार दिन चलता है।


कांग्रेस ने क्या मुद्दा उठाया?

इससे पहले कांग्रेस ने एक बार फिर मतपत्रों की वापसी की मांग उठाई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को तालकटोरा स्टेडियम में कहा कि मतपत्रों की वापसी के लिए भारत जोड़ो यात्रा की तरह जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है। संविधान रक्षक अभियान कार्यक्रम के दौरान खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जातिगत जनगणना से डरते हैं। मोदी को डर है कि अगर वह जाति जनगणना कराते हैं तो समाज के सभी वर्ग अपना हिस्सा मांगेंगे।


खरगे ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एनडीए ने शानदार जीत दर्ज की है। मगर इस चुनाव का उद्यमी गौतम अदाणी से भी लेना-देना है, क्योंकि उनकी काफी संपत्ति दांव पर लगी थी। उन्होंने कहा कि सभी को एकजुट होकर आगे बढ़ना चाहिए। मैं चुनावों के बारे में बात नहीं करना चाहता, लेकिन चुनावों में सभी गरीब और उत्पीड़ित समुदायों के वोट बर्बाद हो रहे हैं। सभी को मतपत्र से मतदान की मांग करनी चाहिए।  

Similar News