ट्रंप ने क्यों ठेकेदारी ले रखी है… अशोक गहलोत ने सीजफायर को लेकर उठाए सवाल

By :  vijay
Update: 2025-05-13 10:19 GMT
ट्रंप ने क्यों ठेकेदारी ले रखी है… अशोक गहलोत ने सीजफायर को लेकर उठाए सवाल
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कांग्रेस के नेता अशोक गलहोत ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका पर सवाल उठाए. अशोक गहलोत ने कहा, ट्रंप कह रहे हैं कि कश्मीर का मुद्दा मैं सुलझा दूंगा यह किस हैसियत से बोल रहे हैं, किसने इनका हक दिया? ट्रंप साहब ने कौन सी ठेकेदारी ले रखी है.

दिल्ली में कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने हाल ही में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर को लेकर सवाल खड़े किए. इसी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार रात 9 बजे भारत-पाकिस्तान तनाव को लेकर बात की थी उसको लेकर भी उन्होंने निशाना साधा.

अशोक गहलोत ने सीजफायर पर सवाल खड़े करते हुए कहा, प्रधानमंत्री ने कल बहुत निराश किया. उन्होंने बताया कि आतंकवाद को लेकर देश की क्या पॉलिसी रहेगी, पर जो पूरा देश इंतजार कर रहा था कि जो अचानक सीजफायर हुआ उसको पूरा देश समझ नहीं पा रहा है, सिक्रेट रख कर कैसे हो सकता है. साथ ही उन्होंने सीजफायर में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका पर सवाल उठाए और कहा, ट्रंप ने क्यों ठेकेदारी ले रखी है.

ऑपरेशन सिंदूर की प्रशंसा की

अशोक गहलोत ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए सेना की तारीफ की. उन्होंने कहा, हम भी नहीं चाह रहे युद्ध हो, जो काम सेना ने किया उन्होंने पहले दिन जो अटैक किया उस में किसी जगह पर न आम नागरिक और न पाकिस्तानी सैनिक अड्डों पर अटैक किया. सिर्फ 9 जगह चुन कर अटैक किया. पूरी दुनिया में इसकी तारीफ हुई जो कुछ सेना कर रही थी सब तारीफ कर रहे थे.

उन्होंने आगे कहा, सब कुछ ठीक चल रहा था, हमारा इतिहास रहा है आजादी के बाद से ही हिंदुस्तानी फौजों ने कमाल ही किया है, पहले गोवा को हम ने छुड़ाया था, 74 में सिक्किम को छुड़ा लिया था. उन्होंने आगे कहा, अमेरिका का दबाव भारत पर हमेशा से रहा है. बांग्लादेश का 1971 का आपको पता ही है.

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को लेकर उठाए सवाल

अशोक गहलोत ने कहा, किस प्रकार दो टुकड़े किए पाकिस्तान के वह सब ने देखा मैं खुद बचपन में गया था देखने के लिए. उसे पर भी अमेरिका का दबाव आया था लेकिन इंदिरा गांधी झुकी नहीं. शिमला समझौता भी हुआ उसमें भी जब दो राष्ट्र बात करेंगे तो तीसरा राष्ट्र पिक्चर में नहीं आएगा. अभी जो ट्रंप साहब पिक्चर में आ रहे हैं, वो पता नहीं सरकार के कंसर्न से आ रहे हैं या अपने आप ही वो बीच में आ रहे हैं. उनका क्या दबाव है हम क्यों सुन रहे हैं उनकी?

अशोक गहलोत ने कहा, शिमला समझौता में यह था कि दो मुल्कों के बीच में बात होगी हमेशा, लेकिन दूसरी तरफ ट्रंप का कहना है कश्मीर का मुद्दा मैं सुलझा दूंगा यह किस हैसियत से बोल रहे हैं, किसने इनका हक दिया? ट्रंप साहब ने कौन सी ठेकेदारी ले रखी है, वो ठेकेदार बन कर खुद ही या देश की सरकार की चुप्पी ने उनके हौसले बढ़ा दिए हैं कि सीजफायर वो कर रहे हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री की स्पीच होने वाली है यह अमेरिका को भी पता था उससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर दिया. उन्होंने आगे कहा, पाकिस्तान का हाल तो ऐसा होना चाहिए कि वो आतंकवादी घटना के लायक ही नहीं बचे. हम चाहते हैं कि भगवान ना करे कभी भी कोई आतंकी घटना हो, लेकिन आपने जो बड़ी-बड़ी बातें की है हम देखना चाहेंगे . अचानक से सीजफायर कर दिया गया पूरा देश शक्ति में आ गया कि जाने यह क्या हो गया . दुनिया सोच रही होगी कि कौन घबरा गया पाकिस्तान घबरा गया या हिंदुस्तान घबरा गया की सीज फायर हो गया

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