भारत ने अपनी समुद्र आधारित रणनीतिक ताकत को और मजबूत करते हुए पनडुब्बी से लंबी दूरी की K 4 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। यह परीक्षण देश की परमाणु प्रतिरोध क्षमता के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है।
जानकारी के अनुसार यह परीक्षण बंगाल की खाड़ी में किया गया, जहां भारतीय नौसेना की परमाणु संचालित अरिहंत श्रेणी की पनडुब्बी से K 4 मिसाइल को दागा गया। मिसाइल ने तय लक्ष्य को सटीकता के साथ भेदा और सभी तकनीकी मानकों पर खरी उतरी।
K 4 मिसाइल की मारक क्षमता करीब 3500 किलोमीटर है और इसका वजन लगभग 17 टन बताया जा रहा है। यह दो चरणों वाली ठोस ईंधन आधारित सबमरीन लॉन्च्ड बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसे डीआरडीओ ने स्वदेशी तकनीक से विकसित किया है। यह मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है।
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इस परीक्षण से भारत की सेकंड स्ट्राइक क्षमता और अधिक मजबूत हुई है। समुद्र के भीतर पनडुब्बी से मिसाइल लॉन्च करने की क्षमता किसी भी संभावित हमले के बाद जवाबी कार्रवाई को सुनिश्चित करती है।
हालांकि सरकार की ओर से अभी आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि यह परीक्षण भारत की परमाणु त्रिकोणीय शक्ति जमीन, हवा और समुद्र को पूरी तरह संतुलित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस सफलता से भारतीय नौसेना की रणनीतिक भूमिका और अधिक सशक्त हुई है।
