पाली में डोडा पोस्त तस्करी में पुलिस की मिलीभगत उजागर, चार पुलिसकर्मी सेवा से बर्खास्त

Update: 2025-12-24 18:07 GMT


पाली जिले में पुलिस विभाग की छवि को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। 118 किलो डोडा पोस्त से भरी कार को पकड़ने के बाद तस्कर से दो लाख रुपये लेकर छोड़ देने के गंभीर आरोप में चार पुलिसकर्मियों को राजकीय सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। पुलिस अधीक्षक आदर्श सिधु ने बुधवार को इस संबंध में आदेश जारी किए।

एसपी आदर्श सिधु ने साफ कहा है कि अपराधियों से सांठगांठ करने वाले किसी भी पुलिसकर्मी के प्रति विभाग में कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। उन्होंने इसे पुलिस की साख के खिलाफ गंभीर अपराध बताते हुए कड़ी कार्रवाई की बात कही।

यह मामला 18 दिसंबर का है। देसूरी थाने के हेड कॉन्स्टेबल सोहनलाल और कॉन्स्टेबल बंशीलाल, तथा सादड़ी थाने के हेड कॉन्स्टेबल रामकेश और कॉन्स्टेबल नच्छुराम राजकार्य से पाली आए थे। उसी दिन वापस लौटते समय बूसी और सोमेसर के बीच इन पुलिसकर्मियों ने डोडा पोस्त से भरी एक कार को रुकवाया।

आरोप है कि इन पुलिसकर्मियों ने कानून के तहत कार्रवाई करने और उच्च अधिकारियों को सूचना देने के बजाय तस्कर से दो लाख रुपये में सौदा कर उसे छोड़ दिया। हालांकि कुछ समय बाद पाली सदर थाना पुलिस ने नाकाबंदी के दौरान पणिहारी चौराहे पर उसी कार को पकड़ लिया।

जब सदर थाना पुलिस ने तस्कर से पूछताछ की तो उसने चौंकाने वाला खुलासा किया। जोधपुर निवासी तस्कर धीरेंद्र ने बताया कि कुछ देर पहले ही उसने पुलिसकर्मियों को दो लाख रुपये दिए हैं और उसी के बाद उसे छोड़ा गया था। इस जानकारी से वरिष्ठ अधिकारी भी हैरान रह गए।

मामले की सूचना मिलते ही एसपी आदर्श सिधु ने तत्काल जांच के आदेश दिए। जांच में आरोप सही पाए जाने पर पहले चारों पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया और उनके खिलाफ सदर थाने में आपराधिक मामला दर्ज कराया गया।

अब विभागीय कार्रवाई पूरी होने के बाद देसूरी थाने के हेड कॉन्स्टेबल सोहनलाल और कॉन्स्टेबल बंशीलाल तथा सादड़ी थाने के हेड कॉन्स्टेबल रामकेश और कॉन्स्टेबल नच्छुराम को राजकीय सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।

इस कार्रवाई के बाद जिले में पुलिस महकमे में साफ संदेश गया है कि तस्करी या अपराधियों से मिलीभगत करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।

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