भाजपा विधायक की बेटी नायब तहसीलदार कंचन चौहान APO, राजस्व मंडल का आदेश

Update: 2025-12-24 06:22 GMT

अजमेर। ब्‍यावर से भाजपा विधायक शंकर सिंह रावत की बेटी कंचन सिंह चौहान को एपीओ कर दिया गया है। राजस्व मंडल ने मंगलवार शाम को इस संबंध में आदेश जारी किया। कंचन चौहान वर्तमान में भीलवाड़ा जिले की करेडा तहसील में नायब तहसीलदार के पद पर तैनात थीं। एपीओ किए जाने के बाद अब वे अपनी उपस्थिति राजस्व मंडल, अजमेर में दर्ज कराएंगी।

कंचन चौहान आरएएस-2018 बैच की अधिकारी हैं। उनके चयन के बाद से ही उन पर गंभीर आरोप लगे थे। आरोप है कि उन्होंने फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर आरएएस में नियुक्ति हासिल की। इस मामले को लेकर शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री कार्यालय और एसओजी से शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद राज्य सरकार ने मामले की जांच एसओजी को सौंप दी थी। हालांकि अभी तक एसओजी की जांच रिपोर्ट राजस्व मंडल प्रशासन को प्राप्त नहीं हुई है।

शिकायत सामने आने के बाद राजस्व मंडल ने पिछले पांच वर्षों में दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्त हुए सभी अभ्यर्थियों की दोबारा जांच करवाई थी। इस जांच में कुछ अभ्यर्थियों के दस्तावेज फर्जी पाए गए थे।

ब्यावर निवासी फणीश कुमार सोनी ने 12 अगस्त 2025 को कंचन चौहान के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में नवोदय विद्यालय और उदयपुर विश्वविद्यालय से प्राप्त कंचन के शैक्षणिक दस्तावेजों की जांच की मांग की गई थी। साथ ही यह भी मांग की गई कि कंचन चौहान का दोबारा मेडिकल परीक्षण कराया जाए। शिकायतकर्ता का कहना है कि किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में मेडिकल बोर्ड का गठन कर निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

शिकायतकर्ता ने इस पूरे मामले में जल्द से जल्द उच्चस्तरीय और निष्पक्ष जांच की मांग की है। बताया गया है कि जिस डॉक्टर पर फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने का आरोप है, वह स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले चुके हैं।

कंचन चौहान ने वर्ष 2018 में चयन के बाद बताया था कि उन्होंने वर्ष 2013 और 2016 में भी आरएएस परीक्षा दी थी। पहले प्रयास में वे प्री परीक्षा पास नहीं कर सकीं, जबकि दूसरे प्रयास में प्री पास हुआ लेकिन मुख्य परीक्षा में असफल रहीं। वर्ष 2018 की परीक्षा में इंटरव्यू के बाद उन्हें करीब 600वीं रैंक मिली थी।

कंचन चौहान की पहली पोस्टिंग 27 दिसंबर 2021 को गुलाबपुरा, भीलवाड़ा में नायब तहसीलदार के रूप में हुई थी। इसके बाद वे करीब एक साल से करेडा तहसील में पदस्थ थीं।

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