भाजपा ने गिनाई मोदी सरकार के 11 साल की उपलब्धियां

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को नरेंद्र मोदी सरकार की 11 वर्षों की उपलब्धियों को उजागर करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश सभी क्षेत्रों में तेजी से बढ़ा और लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव आया है। भाजपा ने यह भी कहा कि भारत अब चुप्पी से सर्जिकल शुद्धता की ओर बढ़ चुका है, और प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक्स और ऑपरेशन सिंदूर जैसी साहसिक और संतुलित प्रतिक्रियाएं दी गईं।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मोदी सरकार के 11 वर्षों की 'सेवा', 'सुशासन' और 'गरीब कल्याण' पर एक प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विशाल कार्य पूरे किए गए हैं, जिससे देश को लंबी अवधि के विकास की दिशा में रखा गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे।
भारत एक वैश्विक शक्ति के रूप में उभरा- भाजपा
भाजपा ने अपनी प्रस्तुति में बताया कि मोदी के नेतृत्व में भारत एक वैश्विक शक्ति के रूप में उभरा है, और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) प्रति व्यक्ति 2014 में 86,647 रुपये से बढ़कर 2025 में 2 लाख रुपये हो गया है। यह बढ़ोतरी मोदी सरकार की तरफ से किए गए संरचनात्मक आर्थिक सुधारों का परिणाम है। भाजपा ने यह भी बताया कि 'स्टार्ट अप इंडिया' योजना के तहत छोटे व्यापारियों को ऋण देने के कारण वे अब सिर्फ जीवित रहने से आगे बढ़कर विकास की ओर बढ़े हैं और उन्होंने बड़ा प्रभाव डाला है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) का वित्तीय समावेशन सूचकांक 2017 में 43 से बढ़कर 2024 में 64 हो गया है, जो प्रधानमंत्री जन धन योजना और अन्य उपायों का परिणाम है।
'महिला सशक्तिकरण के लिए भी कई कदम उठाए गए'
किसानों के कल्याण के लिए भी कई योजनाएं लागू की गईं, जैसे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और उर्वरक सब्सिडी बढ़ाना, जिससे किसानों का खर्च कम हुआ और उनकी आय में बढ़ोतरी हुई। महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए भी कई कदम उठाए गए। पीएम सुरक्षा मातृत्व अभियान और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना जैसी योजनाओं ने संस्थागत स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर किया और माताओं की जान बचाई।
स्टार्ट-अप्स की मूल्यांकन 450 अरब डॉलर हुआ- भाजपा
इसके अलावा, महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की संख्या 2014 में 2.25 करोड़ से बढ़कर 2024 में 10.05 करोड़ हो गई है। स्टार्ट-अप्स की संख्या भी 2014-15 में 500 से बढ़कर 2021-22 में 1.61 लाख हो गई, और भारतीय स्टार्ट-अप्स का मूल्यांकन 2014 में 5 अरब डॉलर से बढ़कर 2024 में 450 अरब डॉलर हो गया है।