जेल में टीबी के बढ़ते मामले पर केंद्र की पहल, राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को दिए खास निर्देश

By :  vijay
Update: 2025-01-10 07:59 GMT

भारत में तपेदिक (टीबी) का लगातार प्रसार होना भारत सरकार के लिए चुनौती के तौर पर बना हुआ है। बीमारी के नियत्रंण करने के लिए केंद्र सरकार ने कई सारी पहल भी चला रखी है। इसी सिलसिले में गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय का पहल सामने है, जिसके तहत मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से जेलों में तपेदिक (टीबी) के प्रसार का पता लगाने और उसे रोकने के लिए जांच शिविर आयोजित करने का निर्देश दिया है। मंत्रालय ने कहा है कि जेलों में बंद जगह और भीड़भाड़ वाले इलाके टीबी के फैलने के लिए उपयुक्त स्थान हो सकते हैं।

गृह मंत्रालय ने राज्यों को भेजे पत्र

गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को भेजे गए पत्र में कहा है कि जेलों में टीबी एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बन सकती है। बंद जगहों और भीड़-भाड़ वाले वातावरण में टीबी के फैलने का खतरा बढ़ जाता है जिससे न केवल कैदियों को, बल्कि रिहाई के बाद आम जनता को भी खतरा हो सकता है। साथ ही मंत्रालय ने यह भी कहा कि जेलों में टीबी के प्रसार को रोकने में जांच की कमी और जागरूकता का अभाव बड़ी चुनौतियां हैं।

गृह मंत्रालय की अपील

गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अपील की है कि वे जेल अधिकारियों के साथ मिलकर कैदियों और जेल कर्मचारियों की जांच करें और जेलों में टीबी के बारे में जागरूकता फैलाएं, ताकि टीबी उन्मूलन की दिशा में योगदान मिल सके।

भारत सरकार का अभियान

भारत सरकार ने हाल ही में 'टीबी उन्मूलन पर 100-दिवसीय गहन अभियान' की शुरुआत की है, जो 7 दिसंबर, 2024 से शुरू होगा, और यह भारत में टीबी के उन्मूलन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस अभियान के तहत जेलों में टीबी के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए कई उपायों की योजना बनाई गई है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने जिला अधिकारियों को दिया निर्देश

स्वास्थ्य मंत्रालय ने जिला टीबी अधिकारियों के दिशा-निर्देशों के साथ अभियान की योजना जारी की है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अनुरोध किया गया है कि वे जेलों में स्क्रीनिंग शिविर आयोजित करें और जिला टीबी अधिकारियों से आईईसी (सूचना, शिक्षा और संचार) सामग्री प्राप्त करें।

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