आरएसएस की विचारधारा से आज का जनमत आकार ले रहा', पीएम मोदी की आलोचना पर भाजपा का कांग्रेस पर हमला
नई दिल्ली |प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से स्वतंत्रता दिवस के भाषण में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की सराहना पर कांग्रेस की आलोचना को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने खारिज कर दिया है। भाजपा का कहना है कि आज भारत का जनमत और सार्वजनिक विमर्श आरएसएस की विचारधारा से ही आकार ले रहा है।
अमित मालवीय ने नेहरू के निमंत्रण को दिलाया याद
भाजपा के आईटी विभाग प्रमुख अमित मालवीय ने याद दिलाया कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1963 में आरएसएस को गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने का निमंत्रण दिया था और इसे देशभक्तों का संगठन कहा था। अमित मालवीय ने कहा, 'जब आरएसएस अपने 100 वर्ष पूरे कर रहा है, तब प्रधानमंत्री का लाल किले से इसका उल्लेख करना बिल्कुल उचित है।'
'आज का भारत आरएसएस की विचारधारा से प्रभावित'
अमित मालवीय ने आगे कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा, 'आज का भारत आरएसएस की विचारधारा से प्रभावित है, जबकि कांग्रेस न केवल समय की सच्चाई से बल्कि नेहरू की सोच से भी कट चुकी है।' बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में आरएसएस की 100 साल की यात्रा को 'गौरवपूर्ण और प्रेरणादायक' बताया और इसे 'दुनिया का शायद सबसे बड़ा एनजीओ' कहा। उन्होंने संगठन के सभी स्वयंसेवकों की देश सेवा के लिए सराहना की।
कांग्रेस और माकपा ने की पीएम मोदी की आलोचना
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मोदी के बयान को 'चिंताजनक' बताते हुए कहा कि यह संवैधानिक और धर्मनिरपेक्ष गणराज्य की भावना के खिलाफ है। वहीं, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने भी पीएम मोदी के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आरएसएस की प्रशंसा करना 'गंभीर रूप से खेदजनक' है और यह संगठन 'संदिग्ध ऐतिहासिक रिकॉर्ड' वाला है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री बनने से पहले मोदी लंबे समय तक आरएसएस के 'प्रचारक' रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी जैसे बड़े भाजपा नेता भी अलग-अलग समय में आरएसएस से जुड़े रहे हैं। आरएसएस की स्थापना 1925 में हुई थी और संगठन के कई कार्यकर्ता भाजपा में महत्वपूर्ण पदों पर काम करते हैं।