अमेरिका में ट्रंप के एच 1बी वीजा शुल्क के खिलाफ 20 राज्यों ने किया मुकदमा

Update: 2025-12-13 04:34 GMT


नई दिल्ली। अमेरिका में एच 1बी वीजा को लेकर राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के फैसले के खिलाफ बड़ा कानूनी मोर्चा खुल गया है। देश के 20 राज्यों ने नए एच 1बी वीजा आवेदनों पर एक लाख डॉलर शुल्क लगाने के आदेश को चुनौती देते हुए अदालत का रुख किया है। यह मुकदमा कैलिफोर्निया के अटॉर्नी जनरल रॉब बोंटा के नेतृत्व में दायर किया गया है।

राज्यों का कहना है कि एच 1बी वीजा पर इतना भारी शुल्क लगाना पूरी तरह गैरकानूनी है और संघीय प्रशासन के पास ऐसा करने का कोई वैधानिक अधिकार नहीं है। याचिका में तर्क दिया गया है कि यह फैसला अस्पतालों, विश्वविद्यालयों और सार्वजनिक स्कूलों जैसी जरूरी सेवाओं के लिए गंभीर संकट पैदा करेगा, क्योंकि इन क्षेत्रों में विदेशी कुशल कर्मचारियों पर काफी हद तक निर्भरता है।

दरअसल, राष्ट्रपति ट्रंप ने 19 सितंबर 2025 को नए शुल्क की घोषणा की थी और इसे 21 सितंबर से लागू कर दिया गया। इससे पहले एच 1बी वीजा के लिए कुल शुल्क 960 डॉलर से लेकर 7595 डॉलर के बीच था। नए नियम के तहत सीधे एक लाख डॉलर शुल्क तय किए जाने से शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में पहले से चल रही कर्मचारियों की कमी और गहराने की आशंका जताई जा रही है।कैलिफोर्निया के अटॉर्नी जनरल रॉब बोंटा ने कहा कि दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में कैलिफोर्निया यह अच्छी तरह जानता है कि वैश्विक स्तर की कुशल प्रतिभाएं राज्य की प्रगति में अहम भूमिका निभाती हैं। उनके अनुसार ट्रंप द्वारा तय किया गया एक लाख डॉलर का एच 1बी वीजा शुल्क अवैध होने के साथ साथ सार्वजनिक नियोक्ताओं और आवश्यक सेवा प्रदाताओं पर अनावश्यक वित्तीय बोझ डालता है।राज्यों का दावा है कि इस फैसले से तकनीक, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में योग्य कर्मचारियों की उपलब्धता और कम हो जाएगी, जिसका सीधा असर आम जनता को मिलने वाली सेवाओं पर पड़ेगा। अब इस मुद्दे पर अमेरिकी अदालत का फैसला यह तय करेगा कि ट्रंप प्रशासन का यह कदम वैध है या नहीं।

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