इजराइल-हूती संघर्ष: ड्रोन हमले के जवाब में यमन पर इजराइल की सबसे बड़ी हवाई कार्रवाई

Update: 2025-09-26 04:56 GMT


  इजराइली वायु सेना ने यमन की राजधानी सना में हूती ठिकानों पर अब तक की सबसे बड़ी हवाई हमले की। यह कार्रवाई 24 सितंबर को हूतियों के ड्रोन हमले का प्रत्यक्ष जवाब थी, जिसमें इजराइल के रेड सी रिसॉर्ट शहर एलात (Eilat) पर हमला हुआ था। आइए इसकी विस्तृत जानकारी, पृष्ठभूमि और प्रभाव पर नजर डालें।

घटना का सारांश

हूती हमला (24 सितंबर 2025): हूतियों ने एलात शहर पर ड्रोन से हमला किया, जो इजराइल के दक्षिणी हिस्से में स्थित है। इस हमले में एक होटल या रेस्तरां को निशाना बनाया गया। इजराइली आपातकालीन सेवाओं के अनुसार, 20 से 22 लोग घायल हुए, जिनमें 2 की हालत गंभीर थी। इजराइली वायु सेना ने ड्रोन का पता लगाया, लेकिन इंटरसेप्ट करने में विफल रही। हूती प्रवक्ता याह्या सारी ने इसे "फिलिस्तीन समर्थन" का हिस्सा बताया और कहा कि यह इजराइल के गाजा युद्ध के खिलाफ कार्रवाई है।

इजराइल का जवाब (25 सितंबर 2025): गुरुवार को इजराइली वायु सेना ने सना के सुदूर इलाकों में 20 से अधिक फाइटर जेट्स से 65 से ज्यादा म्यूनिशन (बम) गिराए। लक्ष्य हूती के सैन्य और खुफिया ठिकाने थे, जिनमें शामिल थे:

हूती जनरल स्टाफ कमांड का मुख्यालय।

सुरक्षा-खुफिया तंत्र के परिसर।

सैन्य सूचना (प्रोपगैंडा) विभाग का मुख्यालय।

हथियार भंडारण और आतंकी साजिशों की योजना बनाने वाले सैन्य शिविर।

इजराइली रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने इसे "हूती आतंकी संगठन पर शक्तिशाली प्रहार" बताया, जिसमें "दर्जनों हूती आतंकी" मारे गए।

यमन पक्ष का दावा: हूती-नियंत्रित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, हमलों में कम से कम 8 लोग मारे गए और 142 घायल हुए। गवाहों ने बताया कि सना के घनी आबादी वाले इलाकों (जैसे दक्षिणी और पश्चिमी हिस्से) में धमाके हुए, जहां एक आवासीय भवन और धाहबान पावर स्टेशन को नुकसान पहुंचा। हूती नेता अब्दुल-मलिक अल-हूती के भाषण के दौरान ही हमले हुए, जिससे इलाका धूल और धुंए से भर गया। हूतियों ने इसे "नागरिक लक्ष्य" पर हमला बताया और प्रतिशोध की चेतावनी दी।

हूती संगठन का भूमिका और इजराइल का बयान

इजराइली रक्षा विभाग ने स्पष्ट किया कि हूती का सुरक्षा-खुफिया तंत्र न केवल इजराइल के खिलाफ सैन्य गतिविधियों को बढ़ावा देता है, बल्कि राजनीतिक विरोधियों को जेलों और यातनाओं से दबाता भी है। ये ठिकाने इजराइल पर ड्रोन और मिसाइल हमलों की योजना बनाने के केंद्र थे। इजराइल ने इसे "आतंकी अभियानों" का हिस्सा माना, जबकि हूतियां इसे "फिलिस्तीनी समर्थन" का नाम देती हैं।

पिछले कुछ महीनों में हूतियों ने इजराइल पर 70 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें और 25 से ज्यादा ड्रोन दागे हैं। अधिकांश को इंटरसेप्ट कर लिया गया या इजराइली क्षेत्र से बाहर गिरा दिया गया, लेकिन कुछ ने नुकसान पहुंचाया।

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