अहंकार छोड़िए..', प्रियंका गांधी ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के अनशन पर PM मोदी को घेरा
पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर 45 दिन से आमरण अनशन बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत लगातार गिरती जा रही है। उनका रक्तचार में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। इस बीच कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने उनके अनशन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ट्वीट किया है।
उन्होंने लिखा, किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल जी 45 दिनों से आमरण अनशन पर हैं। उनकी हालत लगातार बिगड़ रही है। लेकिन भाजपा सरकार उनकी सुध लेने को तैयार नहीं है। इसी हठधर्मिता ने किसान आंदोलन में 750 किसानों की जान ले ली थी। किसानों के प्रति इतनी निष्ठुरता क्यों? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से मेरी अपील है कि कृपया अहंकार छोड़िए और तत्काल किसानों से बात करके डल्लेवाल जी का अनशन खत्म कराइए।
डल्लेवाल की जांच के लिए उच्चस्तरीय मेडिकल टीम गठित
आमरण अनशन के 45वें दिन वीरवार को एक उच्चस्तरीय मेडिकल टीम ने डल्लेवाल की जांच की और खून के सैंपल लिए। पेट का अल्ट्रासाउंड भी किया। सेहत विभाग पंजाब के प्रमुख सचिव कुमार राहुल ने डल्लेवाल से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना। साथ ही बॉर्डर के नजदीक बनाए गए आपातकालीन अस्पताल में उपलब्ध चिकित्सा सेवाओं का भी जायजा लिया। उनके साथ पटियाला की डीसी प्रीति यादव, एसएसपी डॉ. नानक सिंह, डीआरएमई अवनीश कुमार आदि भी मौजूद रहे।
निदेशक परिवार कल्याण डॉ. हतिंदर कौर के अनुसार किसान नेता के स्वास्थ्य की निरंतर देखभाल के लिए पंजाब सरकार की ओर से राजिंदरा अस्पताल और माता कौशल्या अस्पताल की मेडिकल टीमें पहले ही तैनात की जा चुकी हैं। दो एडवांस्ड लाइफ सपोर्ट (एएलएस) एंबुलेंस भी 24/7 मौजूद हैं। इसके अलावा, धरने के पास सभी आपातकालीन दवाओं और उपकरणों से सुसज्जित एक अस्थायी अस्पताल भी स्थापित किया गया है, जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम चौबीसों घंटे तैनात की गई है।
इस मौके पर किसान नेताओं अभिमन्यु कोहाड़, काका सिंह कोटड़ा ने कहा कि शुक्रवार को देशभर में मोदी सरकार के पुतले जलाए जाएंगे। वहीं 12 जनवरी से हरियाणा के तमाम जिलों से किसानों के जत्थे खन्नौरी मोर्चे पर पहुंचना शुरू होंगे, जिसके लिए गांव-गांव में तैयारी की जा रही है। किसान नेताओं ने बताया कि वीरवार को डल्लेवाल द्वारा हस्ताक्षरित चिट्ठी दोनों मोर्चों की तरफ से सभी राजनीतिक पार्टियों के अध्यक्षों को भेजी गई। ताकि सभी राजनीतिक पार्टियां एमएसपी गारंटी कानून के मुद्दे पर अपना स्टैंड स्पष्ट करें। पत्र में लिखा गया है कि 21वीं सदी में एक तरफ केंद्र पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था एवं 2047 तक विकसित भारत बनाने की बात करते हैं। लेकिन दूसरी तरफ देश के किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहे हैं। आज समय की नजाकत को समझते हुए एमएसपी गारंटी कानून के मुद्दे पर सभी राजनीतिक पार्टियों को आपसी मतभेद भुलाकर एकजुट होना चाहिए ताकि किसानों की आत्महत्याएं रोकी जा सकें।
शंभू बॉर्डर पर किसान ने सल्फास निगल आत्महत्या की
पटियाला-तरनतारन। शंभू बॉर्डर पर केंद्र सरकार से एमएसपी की कानूनी गारंटी व अन्य मांगों के लिए धरने पर बैठे किसानों में से एक रेशम सिंह ने वीरवार सुबह सल्फास निगल लिया। गंभीर हालत में पहले उसे राजपुरा अस्पताल ले गए, लेकिन गंभीर हालत देखते हुए उन्हें लुधियाना रेफर कर दिया गया । इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। गांव पहूविंड जिला तरनतारन के रेशम सिंह 30 दिसंबर को ही मोर्चे में भाग लेने पहुंचे थे। किसान नेता तेजिंदर सिंह ने बताया कि रेशम सिंह मोदी सरकार की किसान विरोधी नीतियों से आहत था। उसके परिवार में मां, पत्नी दविंदर कौर व एक बेटा इंद्रजीत शामिल है। उन्होंने बताया कि रेशम पर करीब 8 लाख रुपये का कर्ज था, जिसे चुकाने के लिए वह दिन रात मेहनत करता था। किसान जत्थेबंदियों ने रेशम सिंह की मौत पर दुख जताते हुए राज्य सरकार ने परिवार के लिए 25 लाख रुपये की आर्थिक मदद और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है।
खनौरी बॉर्डर पर देसी गीजर में धमाका, एक किसान झुलसा
खनौरी बॉर्डर पर वीरवार सुबह लकड़ियों वाले देसी गीजर में अचानक धमाका होने से हादसे में किसान गुरदियाल सिंह झुलस गया, जिसे तुरंत इलाज के लिए अस्पताल दाखिल कराया गया। जानकारी के मुताबिक पीड़ित किसान पिछले लंबे समय से खन्नौरी मोर्चे में हिस्सा ले रहा था। वह पटियाला के समाना का रहने वाला बताया जा रहा है।