सरकार गठन से पहले विभाग बंटवारे पर माथापच्ची, पांच मंत्रालय में चार अपने पास रखना चाहती है भाजपा

By :  vijay
Update: 2024-11-30 06:38 GMT

महाराष्ट्र में सरकार गठन से पहले महायुति में विभागों के बंटवारे पर सहमति नहीं बन पा रही है। गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर बृहस्पतिवार देररात तीन घंटे चली बैठक में भी विभाग बंटवारे के फार्मूले पर सहमति नहीं बन पाई। इसके बाद महायुति के नेताओं को मुंबई में विभागों के बंटवारे पर सहमति बना कर दिल्ली आने के लिए कहा गया है। हालांकि बैठक में शाह ने देवेंद्र फडणवीस को सीएम बनाने का संकेत जरूर दिया है।

अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने महायुति के नेताओं कार्यवाहक सीएम शिंदे, अजीत पवार और देवेंद्र फडणवीस से अलग-अलग मुलाकात की थी। पवार के साथ बैठक में एनसीपी के कार्यवाहक अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल और महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष सुनील तटकरे भी शामिल थे। सीट बंटवारे के जिस फॉर्मूले पर चर्चा हुई, उस पर सहमति नहीं बन पाई। लंबे समय तक चले मंथन के बाद शाह ने महायुति के सदस्यों को विभागों की गुत्थी सुलझाने के लिए मुंबई में फॉर्मूला तय करने के लिए कहा है। सूत्रों के मुताबिक विभाग बंटवारे पर सहमति के बाद ही सरकार गठन के दिशा में आगे बढ़ने का निर्णय लिया गया है।

वित्त मंत्रालय चाह रहे अजीत पवार को उठाना होगा घाटा

भाजपा के प्रस्ताव पर सहमति बनी तो एनसीपी (अजीत) को घाटा उठाना होगा। पार्टी एनसीपी को डिप्टी सीएम पद तो देना चाहती है, मगर वित्त मंत्रालय अपने पास रखना चाहती है। वहीं, एनसीपी गृह, वित्त, राजस्व, कार्मिक और लोक निर्माण में हिस्सेदारी चाहती है। हालांकि भाजपा उसे इनमें से एक भी मंत्रालय नहीं देना चाहती। इसके अलावा एनसीपी को अधिकतम आठ विभाग ही देना चाहती है।

शिवसेना (शिंदे) का भी घटेगा कद

सीएम पद छोड़ने के बदले भाजपा ने शिवसेना (शिंदे) के समक्ष डिप्टी सीएम का पद और लोकनिर्माण समेत अधिकतम 12 विभाग देने का प्रस्ताव दिया है। शिंदे गृह मंत्रालय भी चाहते हैं। चर्चा यह भी है कि शिंदे विधान परिषद अध्यक्ष का पद भी चाहते हैं। इसके उलट भाजपा टॉप पांच में से चार मंत्रालय अपने पास रखना चाहती है। सूत्रों का कहना है कि महायुति के नेताओं को विभाग बंटवारे का फैसला करके आने के लिए कहा गया है।

दिल्ली से सीधे गांव पहुंचे एकनाथ शिंदे बोले सीएम पर एक दो दिन में फैसला

दिल्ली में बैठक के बाद एकनाथ शिंदे सीधे सतारा में अपने गांव दरे चले गए। इस कारण शुक्रवार को मुंबई में होने वाली महायुति की बैठक नहीं हो पाई। शिंदे ने कहा कि महाराष्ट्र के सीएम पर एक-दो दिन में फैसला होगा। शिंदे ने कहा कि वह सरकार गठन में बाधा नहीं बनेंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शाह के किए निर्णय का पालन करेंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली में शाह व नड्डा के साथ बैठक अच्छी रही। हमारा गठबंधन पूरी तरह सकारात्मकता से भरा है और हम जनता के जनादेश का सम्मान करेंगे।

शिंदे डिप्टी सीएम पद नहीं लेंगे तो शिवसेना को मिलेगा मौका : शिरसत

शिवसेना नेता संजय शिरसत ने कहा कि अगर निवर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार नहीं करते हैं तो यह पद उनकी पार्टी के किसी नेता को दिया जाएगा। शिरसत ने यह भी कहा कि शिंदे निश्चित रूप से केंद्रीय मंत्री के रूप में केंद्र में नहीं जाएंगे।

कल हो सकती है भाजपा विधायक दल की बैठक

महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन का पेंच सुलझने के बजाय लगातार उलझता जा रहा है। शुक्रवार की बैठक टलने के बाद अब रविवार को भाजपा विधायक दल की बैठक होने की संभावना है। उसके बाद महायुति की बैठक बुलाई जाएगी। सूत्रों के मुताबिक भाजपा विधायकों की बैठक में दो केंद्रीय पर्यवेक्षक मुख्यमंत्री पद को लेकर विधायकों की राय लेंगे। इसी दौरान विधायक दल का नेता भी चुना जाएगा। इसके बाद महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा की जाएगी। यह भी चर्चा है कि दिल्ली में शाह व नड्डा के साथ बैठक में एकनाथ शिंदे को केंद्रीय मंत्री का ऑफर दिया गया है। अगर, शिंदे यह प्रस्ताव स्वीकार करते हैं तो महाराष्ट्र में शिवसेना का दूसरा कोई नेता उपमुख्यमंत्री बन सकता है। दिल्ली बैठक के बाद महाराष्ट्र के तीनों नेता देर रात मुंबई वापस आ गए, जबकि शिंदे के शनिवार को गांव से वापस मुंबई आने की संभावना है।

भाजपा में अंदरूनी खटपट से नहीं बन रही नई सरकारd

महाराष्ट्र में अभूतपूर्व बहुमत मिलने के बावजूद सरकार गठन में हो रही देरी से तरह-तरह की चर्चा शुरू हो गई है। यह भी कहा जा रहा है कि नई सरकार बनाने में सहयोगी दल शिवसेना और एनसीपी के बजाय भाजपा में ही अंदरूनी खटपट है। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री पद के लिए देवेंद्र फडणवीस का नाम लगभग तय है लेकिन, इसी बीच मराठा मुख्यमंत्री बनाने की चर्चा शुरू हुई है। इससे भाजपा महासचिव विनोद तावड़े का नाम चर्चा में आया है। फडणवीस की ताजपोशी में देरी की एक वजह यह भी मानी जा रही है।

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