राष्ट्रपति रात्रिभोज में राहुल-खरगे को न्योता नहीं, कांग्रेस ने जताई नाराजगी

Update: 2025-12-05 14:50 GMT

नई दिल्ली  रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में शुक्रवार रात राष्ट्रपति भवन में रात्रिभोज का आयोजन किया जा रहा है। इस रात्रिभोज में राष्ट्रपति भवन की ओर से कांग्रेस सांसद शशि थरूर को न्योता दिया गया है। वहीं कांग्रेस ने दावा किया है कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को बुलावा नहीं आया है। इस पर कांग्रेस ने सरकार पर फिर निशाना साधा है।

केंद्र सरकार पर भड़की कांग्रेस

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सांसद राहुल गांधी को कोई न्योता नहीं मिला है। यह हैरानी की बात है, लेकिन हमें हैरान नहीं होना चाहिए क्योंकि यह सरकार सभी प्रोटोकॉल तोड़ने की आदी है। वहीं कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा, इस बात की अटकलें लगाई जा रही थीं कि क्या लोकसभा में विपक्ष के नेता और राज्यसभा में विपक्ष के नेता को राष्ट्रपति पुतिन के सम्मान में आज रात आयोजित रात्रिभोज में बुलाया गया है। दोनों विपक्ष के नेताओ को आमंत्रित नहीं किया गया है।

थरूर पर कांग्रेस ने कसा तंज

वहीं शशि थरूर को न्योता दिए जाने पर कांग्रेस नेता ने कहा कि यह काफी हैरानी की बात है कि न्योता भेजा गया और न्योता स्वीकार भी किया गया। हर किसी की जमीर की एक आवाज होती है। जब मेरे नेताओं को आमंत्रित नहीं किया जाता, लेकिन मुझे किया जाता है, तो हमें समझना चाहिए कि यह गेम क्यों खेला जा रहा है, कौन यह गेम खेल रहा है और हमें इसका हिस्सा क्यों नहीं बनना चाहिए...? उन्होंने आगे कहा, हमें अपनी अंतरात्मा की आवाज सुननी चाहिए थी।

मुझे आमंत्रित किया गया है...मैं निश्चित रूप से जाऊंगा- शशि थरूर

वहीं रात्रिभोज में बुलाए जाने पर कांग्रेस सासंद शशि थरूर ने कहा कि एक समय था जब विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष को नियमित रूप से आमंत्रित किया जाता था लेकिन यह प्रथा कुछ वर्षों से बंद हो गई है। संसद की विदेश मामलों की स्थायी समिति के अध्यक्ष ने कहा, यह फिर से शुरू हो गया है...मुझे आमंत्रित किया गया है, हां। मैं निश्चित रूप से जाऊंगा।

इस दौरान जब शशि थरूर से राहुल गांधी को न बुलाए जाने पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि निमंत्रण किस आधार पर भेजे गए थे। मुझे लगता है कि आमतौर पर जो प्रथा अपनाई जाती थी, वह व्यापक प्रतिनिधित्व के लिए थी। निश्चित रूप से मुझे याद है कि पुराने दिनों में, वे न केवल एलओपी को, बल्कि कई पार्टियों के प्रतिनिधियों के कई वर्गों को भी आमंत्रित करते थे। इससे अच्छा प्रभाव पड़ता है। मुझे न्योते का आधार नहीं पता, यह सब सरकार, प्रोटोकॉल और राष्ट्रपति भवन करता है, मुझे क्या पता? मैं बस इतना कह सकता हूं कि मुझे आमंत्रित किए जाने पर गर्व है। बेशक मैं जाऊंगा।

राहुल ने कहा था- सरकार नहीं चाहती नेता प्रतिपक्ष विदेशी नेताओं से मिलें

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को आरोप लगाया था कि सरकार अपनी असुरक्षा के कारण विदेशी मेहमानों को नेता प्रतिपक्ष से नहीं मिलने देती। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दो दिवसीय भारत दौरे से कुछ घंटे पहले यह टिप्पणी की। राहुल ने कहा कि यह एक परंपरा है कि विदेशी मेहमान नेता प्रतिपक्ष से मिलते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्रालय इस नियम का पालन नहीं कर रहे हैं।

राहुल ने संसद भवन परिसर में मीडिया से कहा, अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह के समय भी यह परंपरा निभाई जाती रही। आजकल जब विदेशी मेहमान आते हैं और जब मैं विदेश जाता हूं, तो सरकार उन्हें नेता प्रतिपक्ष से न मिलने की सलाह देती है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, यह सरकार की नीति है। जब मैं विदेश जाता हूं या जब लोग यहां आते हैं तो वे हर बार ऐसा करते हैं। हमें यह संदेश मिलता है कि उन्हें सरकार ने हमसे न मिलने के लिए कहा है। इस तरह की बैठक की अहमियत बताते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि नेता विपक्ष एक अलग नजरिया पेश करते हैं। सिर्फ सरकार ही नहीं हम भी भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं।

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