इंडिगो संकट पर राहुल गांधी का हमला,सरकारी एकाधिकार मॉडल को बताया नाकामी की वजह

Update: 2025-12-05 06:23 GMT

नई दिल्ली | कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इंडिगो के परिचालन संकट को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह उसके एकाधिकार मॉडल की कीमत है। उन्होंने कहा कि देरी, उड़ानों के रद्द होने के रूप में आम नागरिकों को इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है।

इंडिगो परिचालन संकट को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। एक ताजा सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने लिखा, इंडिगो की विफलता इस सरकार के 'एकाधिकार मॉडल की कीमत' है। एक बार फिर आम भारतीयों को देरी, उड़ानों के रद्द होने और असहाय महसूस करने के रूप में इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि भारत हर क्षेत्र में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा का हकदार है, न कि मैच फिक्सिंग वाला एकाधिकार।

10 फरवरी तक पूरी तरह सामान्य होंगी उड़ानें: इंडिगो

इंडिगो ने गुरुवार को 550 से ज्यादा उड़ानें रद्द कीं और शुक्रवार को 400 उड़ानें रद्द की गईं। इसके कारण सैकड़ों यात्रियों की यात्रा की योजना प्रभावित हुई। इंडिगो ने गुरुवार को डीजीसीए को बताया कि उनकी उड़ानें 10 फरवरी, 2026 तक पूरी तरह से सामान्य हो जाएंगी। उस दिन कंपनी ने उड़ान ड्यूटी नियमों में अस्थायी ढील की भी मांग की, क्योंकि देश की सबसे बड़ी एयरलाइन ने 550 से ज्यादा उड़ानें रद्द कर दीं और सैकड़ों यात्रियों की यात्रा प्रभावित हो गई।

कंपनी ने माना कि हाल के दिनों में उड़ानों में हुई परेशानियां मुख्य रूप से फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (एफडीटीएल) नियमों के दूसरे चरण को लागू करने में गलत योजना और आंकलन की वजह से हुई हैं। इंडिगो ने नियामक को यह भी बताया कि आठ दिसंबर तक और उड़ानें रद्द की जाएंगी और उस दिन से उनकी सेवाओं में कमी भी रहेगी।

विमानन मंत्री ने की उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक

विमानन मंत्री के राममोहन नायडू ने अहम उड़ानों में रुकावट की स्थिति का आकलन करने के लिए उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक की। उन्होंने इंडिगो के नए एफडीटीएल नियमों को लागू करने के तरीके पर असंतोष जताया, क्योंकि कंपनी के पास इसे करने के लिए पर्याप्त समय था।

 

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