संसदीय समिति की रिपोर्ट: Non-AC यात्रा के लिए सब्सिडी जारी रखे रेलवे
संसद की समिति ने रेलवे को क्षमता विस्तार, भीड़ प्रबंधन में सुधार और यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने को कहा है। समिति ने कहा है कि रेलवे को उपनगरीय और गैर-एसी यात्रा के लिए सब्सिडी जारी रखनी चाहिए। समिति ने रेलवे को आय के स्रोत तलाशने को भी कहा है।
रेलवे संबंधी स्थायी समिति ने सोमवार को लोकसभा में पेश अपनी दूसरी रिपोर्ट में कहा कि रेल मंत्रालय को अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत चिह्नित 1,337 स्टेशनों के आधुनिकीकरण में तेजी लानी चाहिए तथा नियमित निगरानी के जरिए तय समय सीमा के भीतर इनका पूरा होना सुनिश्चित करना चाहिए।
समिति ने और क्या कहा?
समिति यह भी महसूस करती है कि अमृत भारत स्टेशन योजना का दायरा बढ़ाकर इसमें और अधिक स्टेशनों को शामिल करने की आवश्यकता है, विशेष रूप से पिछड़े और ग्रामीण क्षेत्रों में स्टेशनों को विकसित करना चाहिए।
रेल मंत्रालय की अनुदान मांगों (2024-25) पर समिति की पहली रिपोर्ट की सिफारिशों पर सरकार द्वारा की गई कार्रवाई पर दूसरी रिपोर्ट में स्थायी समिति ने पाया कि मंत्रालय ने आय बढ़ाने के लिए कई पहल की हैं, जैसे वंदे भारत और अमृत भारत जैसी प्रीमियम ट्रेनें शुरू करना, फ्लेक्सी-फेयर योजनाओं को युक्तिसंगत बनाना शामिल है। समिति की पहली रिपोर्ट, जो 13 दिसंबर, 2024 को लोकसभा में पेश की गई में 14 टिप्पणियां/सिफारिशें शामिल थीं।
बहुआयामी रणनीति अपनाने की सलाह
Non-AC यात्रा के लिए सब्सिडी जारी रखे रेलवे
मंत्रालय ने 11 फरवरी, 2025 को रिपोर्ट में शामिल सभी टिप्पणियों/सिफारिशों पर अपनी कार्रवाई संबंधी टिप्पणियां पेश कीं। रिपोर्ट में कहा गया है कि रेलवे को कम आय वाले यात्रियों का खयाल रखते हुए राजस्व बढ़ाने के लिए व्यापक, बहुआयामी रणनीति अपनानी चाहिए।
इसमें मांग के आधार पर फ्लेक्सी- फेयर स्कीम्स की नियमित समीक्षा करना और ई-नीलामी नीतियों, विज्ञापन और रेलवे परिसंपत्तियों के कमर्शियल उपयोग जैसी पहलों के माध्यम से गैर-किराया राजस्व का विस्तार करना शामिल है।
माल ढुलाई गलियारों पर मंत्रालय की प्रतिक्रिया के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है, मंत्रालय ने कहा है कि संभावित समर्पित माल ढुलाई गलियारों (डीएफसी) अर्थात पूर्वी तट गलियारा, पूर्व-पश्चिम गलियारा और उत्तर-दक्षिण उप-गलियारा के लिए डीपीआर तैयार कर ली गई है।
रेलवे के कामकाज में सुधार, राजस्व सृजन के लिए की कई सिफारिशें
संसदीय समिति ने कहा कि रेलवे को स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली कवच का शीघ्र क्रियान्वयन सुनिश्चित करना चाहिए।
लोकसभा में सोमवार को पेश रेल मंत्रालय की अनुदान मांगों (2025-26) पर तीसरी रिपोर्ट में रेलवे के कामकाज में सुधार के साथ-साथ राजस्व सृजन के लिए कई सिफारिशें की गई हैं।
इनमें ऊर्जा-कुशल प्रौद्योगिकियों को अपनाना, ट्रेनों में सुविधाएं बढ़ाना तथा रेलवे लाइनों के दोहरीकरण के सुझाव शामिल हैं।
समिति ने रेलवे को आय बढ़ाने के स्त्रोत तलाशने को कहा है। रिपोर्ट के अनुसार मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल परियोजना के संबंध में समिति ने कहा कि जनवरी 2025 तक अब तक 71,116 करोड़ रुपये खर्च हो चुका है लेकिन केवल 48.55 प्रतिशत काम पूरा हुआ है।
समिति ने कहा कि मंत्रालय को इस परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए कदम उठाने को कहा है।
समिति की अन्य महत्वपूर्ण सिफारिशें
विद्युतीकरण और ऊर्जा कुशल प्रौद्योगिकियों के माध्यम से परिचालन दक्षता में सुधार लाएं।
बजटीय सहायता के लिए सरकार पर अपनी निर्भरता कम करें।
रणनीतिक साझेदारों और अन्य निवेशकों को जोड़कर लक्ष्य निर्धारित करें।