भारत की विश्व धरोहर स्थल की संभावित सूची में छह नए केंद्र जोड़े गए, केंद्रीय मंत्री शेखावत ने दी जानकारी

By :  vijay
Update: 2025-03-17 11:51 GMT

केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सोमवार को बताया कि यूनेस्को ने विश्व धरोहर केंद्रों की भारत की अस्थायी सूची में छह स्थलों को शामिल किया है। जिन स्थलों को सूची में जगह दी गई है, उनमें तेलंगाना के मुदुमल मेगालिथिक मेनहिर, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बुंदेलों के समय के महल किले आदि शामिल हैं। लोकसभा में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ में कांगर घाटी नेशनल पार्क, मौर्य रूट पर पड़ने वाले अशोक शिलालेख, चौसठ योगिनी मंदिर और उत्तर भारत के गुप्त कालीन मंदिर स्थल भी इस सूची में हैं।

भारत के 43 केंद्र यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल

दरअसल लोकसभा में भाजपा सांसद संबित पात्रा ने पुरी की जगन्नाथ रथ यात्रा को यूनेस्को की सांस्कृतिक धरोहर सूची में शामिल करने का सुझाव दिया। इस पर शेखावत ने इस सुझाव की तारीफ की और बताया कि 7 मार्च को छह नए स्थलों को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है। गौरतलब है कि यदि किसी स्थल को भविष्य में विश्व धरोहर सूची में शामिल करने के लिए नामांकित किया जाना है, तो विश्व धरोहर केंद्र की अस्थायी सूची में उसका नाम शामिल होना अनिवार्य है। भारत में अब 62 स्थल अस्थायी विश्व धरोहर सूची में शामिल हैं। वर्तमान में भारत के कुल 43 केंद्र यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल हैं, जिनमें से 35 सांस्कृतिक श्रेणी में और सात प्राकृतिक और एक मिश्रित श्रेणी में शामिल हैं।

भारत ने साल 2024 में पहली बार विश्व धरोहर समिति की बैठक की मेजबानी की, जिसमें असम में अहोम राजवंश के सदस्यों को दफनाने के लिए बने - मोइदम को प्रतिष्ठित यूनेस्को टैग दिया गया। तेलंगाना के नारायणपेट जिले में स्थित मुदुमल मेगालिथिक मेनहिर करीब 3500-4000 साल पुराने हैं। अभी तेलंगाना से सिर्फ रामप्पा मंदिर ही यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल है। 

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