भारतीय नौसेना की बढ़ेगी ताकत,: अत्याधुनिक युद्धपोत ‘तमाल’ एक जुलाई को होगा नौसेना में शामिल

Update: 2025-06-22 15:36 GMT
अत्याधुनिक युद्धपोत ‘तमाल’ एक जुलाई को होगा नौसेना में शामिल
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नयी दिल्ली  रूस में निर्मित अत्याधुनिक बहुउद्देशीय स्टील्थ युद्धपोत आगामी एक जुलाई को भारतीय नौसेना में शामिल हो जायेगा।

नौसेना ने रविवार को यह जानकारी दी। नौसेना के अनुसार इस युद्धपोत का निर्माण रूस के तटीय शहर कैलिनिनग्राद में यांतर शिपयार्ड में किया गया है जहां एक समारोह में औपचारिक रूप से इसे नौसेना के बेड़े में शामिल किया जायेगा। यह युद्धपोत रडार को धोखा देने वाली प्रणाली तथा आधुनिक हथियारों से लैस है। विदेशी सरजमीं से नौसेना में शामिल किया जाने वाला यह आखिरी युद्धपोत है।

पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ संजय जे सिंह मुख्य अतिथि के रूप में इस समारोह की अध्यक्षता करेंगे। इस अवसर पर भारत और रूस के कई उच्चस्तरीय सरकारी और रक्षा अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। ‘तमाल’ नाम से जाना जाने वाला यह युद्धपोत पिछले दो दशकों में रूस से प्राप्त क्रिवाक श्रेणी के फ्रिगेट की श्रृंखला में आठवां घातक जंगी जलयान है। तमाल जहाज तुशील श्रेणी का ऐसा दूसरा युद्धपोत है, जो अपने पूर्ववर्ती जहाजों तलवार और तेग श्रेणी का उन्नत संस्करण तथा गोपनीयता से कार्य करने वाला जलपोत है। इन दोनों ही श्रेणियों में से प्रत्येक में तीन-तीन जंगी जहाज हैं।

इस युद्धपोत में 26 प्रतिशत उपकरण स्वदेशी हैं, जिनमें समुद्र और जमीन दोनों जगह पर लक्ष्य पर निशाना साधने के लिए लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस भी शामिल है। यह सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों, उन्नत 100 मिलीमीटर तोप, मानक 30 मिलीमीटर गन क्लोज-इन हथियार प्रणाली के आलावा आधुनिक समय की ईओ/आईआर प्रणाली, अत्यधिक भार वाले टारपीडो, तत्काल हमला करने वाले पनडुब्बी रोधी रॉकेट और अनेक निगरानी तथा अन्य प्रणालियां शामिल हैं। मारक प्रणालियों में बढ़ोतरी के लिए हवाई पूर्व चेतावनी और बहुउद्देश्यीय हेलीकॉप्टर भी तैनात हैं, जो तमाल के डेक से संचालित हो सकते हैं।

इसके चालक दल में 250 से अधिक नाविक हैं, जिन्होंने रूस के सेंट पीटर्सबर्ग और कैलिनिनग्राद की अत्यंत चुनौतीपूर्ण शीतकालीन परिस्थितियों में कठोर तटीय तथा जलगत प्रशिक्षण प्राप्त किया है। तमाल ने लगातार तीन महीनों में व्यापक समुद्री परीक्षण पूरे कर लिए हैं, जिससे इसकी प्रणालियों, हथियारों और सेंस

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