बढ़ते मोटापे और मधुमेह पर केंद्रीय मंत्री चिंतित, कहा- हम युवा पीढ़ी को बर्बाद नहीं होने देंगे
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने देश के युवाओं में बढ़ते मोटापे और मधुमेह को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि भारत 2047 तक विकसित देश बनने जा रहा है। भारत अपनी युवा पीढ़ी को मधुमेह, मोटापे और अन्य बीमारियों से बर्बाद नहीं होने दे सकता।
दिल्ली में डायबिटीज इन प्रेग्नेंसी स्टडी ग्रुप ऑफ इंडिया ( डीआईपीएसआई ) के वार्षिक सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोटापे के खतरे के बारे में कई बार बात की है। आज भारत में टाइप-2 मधुमेह एक महामारी की तरह फैल रहा है, और मोटापा भी। हर तीसरे भारतीय को फैटी लीवर की समस्या है। भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और उसका लक्ष्य नंबर एक बनना है। देश की 70 प्रतिशत से अधिक आबादी 40 वर्ष से कम आयु की है।
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जितेंद्र सिंह ने कहा कि 2047 के भारत के निर्माता वह पीढ़ी है जो उस वर्ष तक अपनी ऊर्जा और विशेषज्ञता के शिखर पर पहुंचने के लिए परिपक्व हो रही है। अगर युवाओं की ऊर्जा को मधुमेह और मोटापे समेत अन्य बीमारियों से बर्बाद होने दिया जाता है, तो यह न केवल चिकित्सा बल्कि राष्ट्र की सेवा के प्रति भी अन्याय होगा।
उन्होंने कहा कि इसलिए अपनी ऊर्जा और भारत के विशाल ऊर्जा भंडार को बड़े उद्देश्य के लिए संरक्षित करना राष्ट्रीय जिम्मेदारी बन जाती है। पीएम मोदी ने बचपन में मोटापे के परिणामों के बारे में भी बात की। उन्होंने मोटापे और मधुमेह के खिलाफ जागरूकता फैलाने के महत्व पर जोर दिया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गर्भावस्था में मधुमेह को रोकना इसके बढ़ते बोझ को नियंत्रित करने के लिए महत्वपूर्ण है। इसके तेजी से प्रसार को रोकने के लिए विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं में मधुमेह की शुरुआती जांच की जरूरत बताई। उन्होंने अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा और जैव प्रौद्योगिकी में भारत की हालिया सफलताओं के उदाहरण देते हुए स्वास्थ्य क्षेत्र में अधिक सार्वजनिक-निजी सहयोग का आह्वान किया।