पानीपत, : हरियाणा के पानीपत जिले से एक अजीबो-गरीब घटना सामने आई है, जिसने सभी को हैरत में डाल दिया। यहां एक आवारा कुत्ते ने दुकानदार को काटा, लेकिन इसके कुछ ही देर बाद कुत्ते की हालत बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई। यह अपने आप में एक अनोखा मामला है, जिसे सुनकर स्थानीय लोग और चिकित्सा विशेषज्ञ भी आश्चर्यचकित हैं।
क्या है पूरा मामला?
घटना पानीपत के महावीर बाजार में प्रेम मंदिर के पास हुई, जहां किराना होलसेल की दुकान चलाने वाले दुकानदार ललित बजाज के साथ यह वाकया हुआ। ललित ने बताया कि मंगलवार को वह अपनी दुकान से बाइक पर जा रहे थे। उसी दौरान दो कुत्ते आपस में लड़ रहे थे, जो उनकी दुकान पर आने वाले ग्राहकों को काटने के लिए दौड़ते थे। ललित ने उन्हें हटाने की कोशिश की, तभी एक कुत्ते ने उन पर हमला कर दिया और उन्हें काट लिया।
कुछ ही देर बाद आसपास के दुकानदारों ने ललित को बताया कि जिस कुत्ते ने उन्हें काटा, उसकी हालत खराब हो गई और वह पास की एक दुकान के सामने मर गया। ललित ने कहा, "मुझे टेंशन हो गई कि मुझे काटने के बाद अचानक कुत्ता कैसे मर गया। मैं डर गया और तुरंत पानीपत के सिविल अस्पताल पहुंचा, जहां डॉक्टरों ने मुझे एंटी-रेबीज इंजेक्शन लगा दिया।"
चिकित्सा विशेषज्ञों की राय
पानीपत के सिविल अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) विजय मलिक ने इस मामले को असामान्य बताया। उन्होंने संभावना जताई कि कुत्ते को पहले से ही रेबीज या कोई अन्य गंभीर बीमारी हो सकती थी। CMO ने कहा, "रेबीज से ग्रसित कुत्ता अधिकतम 10 दिन तक ही जीवित रहता है। अगर कुत्ते की मौत काटने के बाद हुई, तो संभव है कि वह पहले से बीमार था।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि मृत कुत्ते का पोस्टमॉर्टम करवाया जाना चाहिए ताकि मौत का सटीक कारण पता चल सके।
हालांकि, एक अन्य ट्विस्ट में कुछ रिपोर्ट्स में दुकानदार ने बाद में दावा किया कि जिस कुत्ते की मौत हुई, वह शायद दूसरा कुत्ता था, न कि वह जो उन्हें काटा था। यह दावा मामले को और रहस्यमय बनाता है।
आवारा कुत्तों की समस्या पर सवाल
इस घटना ने पानीपत में आवारा कुत्तों की बढ़ती समस्या को फिर से उजागर किया है। स्थानीय दुकानदारों और निवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि आवारा कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। उनका कहना है कि नगर निगम द्वारा शुरू किया गया कुत्तों की नसबंदी का अभियान जमीन पर प्रभावी नहीं दिख रहा।
पहला ऐसा मामला
स्थानीय लोगों और जनसेवा दल के पदाधिकारी चमन गुलाटी ने कहा, "हमने रोजाना कुत्तों के काटने के मामले सुने हैं, लेकिन यह पहली बार है कि इंसान को काटने के बाद कुत्ते की ही मौत हो गई।" यह मामला न केवल पानीपत बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि कुत्तों के काटने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। उदाहरण के लिए, कर्नाटक में इस साल 2.9 लाख कुत्तों के काटने के मामले दर्ज हुए, जिनमें बेंगलुरु में ही 14,000 मामले शामिल हैं।
प्रशासन और चिकित्सा निगरानी
डॉक्टरों ने ललित को एंटी-रेबीज वैक्सीन और हिमोग्लोबिन इंजेक्शन दिया है, और उनकी स्थिति पर नजर रखी जा रही है। प्रशासन ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है और कुत्ते की मौत के कारणों की जांच के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
