कलश यात्रा के साथ श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव का आगाज कथा सुनना परमात्मा की प्राप्ति का माध्यम
भीलवाड़ा । श्रीमद् भागवत कथा सुनने से जीवन धन्य हो जाता है एवं यह परमात्मा की प्राप्ति का माध्यम है। भक्ति व श्रद्धा के साथ श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण संसार के सर्वसुखों की प्राप्ति कराता है। ये बात शहर के रोडवेज बस स्टेण्ड के पास अग्रवाल उत्सव भवन में रविवार को पोरवाल परिवार की ओर से सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव का आगाज होने के अवसर पर पहले दिन व्यास पीठ से कथा वाचन करते हुए सोजत रामद्वारा के रामस्नेही संत श्री मुमुक्षु रामजी महाराज ने कहीं। कथा में रामस्नेही संत डॉ. रामस्वरूप शास्त्री का भी सानिध्य प्राप्त हुआ। कथा प्रारंभ होने से पूर्व सुबह भव्य कलश यात्रा भी निकाली गई। पहले दिन श्रीमद् भागवत की स्थापना के साथ श्रीमद् भागवत महात्म्य मंगलाचरण का वाचन हुआ। संत श्री मुमुक्षु रामजी महाराज ने श्रीमद् भागवत कथा का महत्व समझाते हुए कहा कि मनुष्य ही है जो भागवत कथा जैसा आयोजन कर सकता है। मानव शरीर से सुंदर कोई शरीर नहीं है। मानव जीवन में भी गृहस्थाश्रम सबसे उत्तम है लेकिन कलिकाल का प्रभाव इस पर भी हो रहा है। हमारे भारत देश ईश्वर का प्राक्टय स्थल होने से स्वर्ग से भी सुंदर एवं महान माना गया है। भारत की संस्कृति अनुपम है।