शुभ मुहूर्त और तिलक लगाने की विधिदीपावली के पांच दिवसीय महापर्व का समापन भाई दूज** के साथ होता है, जो भाई-बहन के प्रेम और समर्पण का प्रतीक है। इस दिन बहनें भाइयों के माथे पर तिलक करती हैं, उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं और भाई बहनों को उपहार देते हैं। इसे **यम द्वितीया** या **भ्रातृ द्वितीया** भी कहा जाता है।
भाई दूज 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
* द्वितीया तिथि प्रारंभ:** 22 अक्टूबर 2025, बुधवार — रात 08:16 बजे
* द्वितीया तिथि समाप्त:** 23 अक्टूबर 2025, गुरुवार — रात 10:46 बजे
👉 इस बार भाई दूज का पर्व 23 अक्टूबर 2025 (गुरुवार) को मनाया जाएगा।
तिलक करने का शुभ मुहूर्त
23 अक्टूबर को दिन में द्वितीया तिथि के दौरान तिलक का समय सबसे शुभ माना जाएगा। बहनें इस समय में भाई को तिलक कर पूजा-अर्चना कर सकती हैं।
भाई दूज का महत्व:
* इस दिन यमराज और उनकी बहन यमुना जी से जुड़ी पौराणिक कथा का विशेष महत्व है।
* ऐसा माना जाता है कि इस दिन यमराज ने यमुना के घर जाकर तिलक और आतिथ्य स्वीकार किया था।
* तभी से यह परंपरा शुरू हुई कि बहनें इस दिन अपने भाइयों को तिलक लगाकर उनकी लंबी आयु और समृद्धि की कामना करती हैं।
पर्व की परंपराएं
* भाई के माथे पर रोली या चंदन का तिलक लगाना
* आरती उतारना और मिठाई खिलाना
* भाई द्वारा बहन को उपहार देना
* पारंपरिक भोजन और पारिवारिक मिलन
