गणेश चतुर्थी पर बुध को भरेगा मेला, शाम से पांडालों में मचेगी की डांडिया धमाल
गणेश चतुर्थी पर बुध को भरेगा मेला, शाम से पांडालों में मचेगी की डांडिया धमाल
भीलवाड़ा, : हिंदू धर्म का प्रमुख पर्व गणेश चतुर्थी पर्व 27 अगस्त 2025, बुधवार को भीलवाड़ा में धूमधाम से शुरू होगा। गणेश मंदिर में भव्य मेला भरेगा और 10 दिवसीय गणेशोत्सव का शुभारंभ होगा। शाम ढलते ही पंडालों में रंग-बिरंगी रोशनी के बीच डांडिया और गरबा की खनक गूंजेगी, जो शहरवासियों के लिए उत्साह और भक्ति का प्रतीक होगी। यह उत्सव 6 सितंबर को भव्य विसर्जन जुलूस के साथ समाप्त होगा,
शुभ मुहूर्त और पूजा विधान
गणेश चतुर्थी पर मूर्ति स्थापना का शुभ मुहूर्त 27 अगस्त को सुबह 11:05 बजे से दोपहर 1:40 बजे तक है। इस दौरान शुभ योग, शुक्ल योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का संयोग पूजा को विशेष रूप से मंगलमय बनाएगा। भक्त अपने घरों और सामुदायिक पंडालों में गणेशजी की मूर्ति स्थापित कर विधि-विधान से पूजा करेंगे। गणेशजी को मोदक, दूर्वा और लड्डू का भोग अर्पित किया जाएगा, साथ ही गणेश स्तोत्र का पाठ और लौंग-कपूर की आहुति से सुख-शांति की कामना की जाएगी।
भव्य पंडाल सजावट और रंग-बिरंगी रोशनी।
डांडिया और गरबा की रंगारंग प्रस्तुतियां, जिसमें महिलाएं और युवा उत्साहपूर्वक शामिल होंगे।
जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान का आयोजन।
दिन 10 (5 सितंबर): विसर्जन की तैयारी
सुबह: उत्तर पूजा और गणेशजी को विदाई की रस्म।दोपहर: विसर्जन जुलूस की तैयारियां, जिसमें ढोल-ताशा और भक्ति भजन शामिल होंगे।विसर्जन जुलूस (6 सितंबर, अनंत चतुर्दशी)
शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए नजदीकी जलाशय तक भव्य जुलूस।
जुलूस में डांडिया और डिडेल नर्तकों की विशेष प्रस्तुति, ढोल-ताशा की थाप और “गणपति बप्पा मोरया” के नारे।
पर्यावरण संरक्षण के लिए मिट्टी की मूर्तियों और कृत्रिम जलाशयों में विसर्जन को प्रोत्साहन।
गणेश चतुर्थी के विशेष उपाय
दीपक जलाएं: उत्तर-पूर्व दिशा में दीपक जलाकर सकारात्मक ऊर्जा और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करें।मोदक और दूर्वा: गणेशजी को मोदक और दूर्वा अर्पित करने से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं।
लौंग-कपूर आहुति: नजर दोष से बचने के लिए गोबर के उपले पर 2 कपूर और 6 लौंग की आहुति दें।
गणेश स्तोत्र पाठ: सच्चे मन से पाठ करने से आर्थिक स्थिति में सुधार और समृद्धि प्राप्त होती है।पर्यावरण और सामुदायिक एकता
इस बार भीलवाड़ा में पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मिट्टी की मूर्तियों और प्राकृतिक रंगों के उपयोग को प्रोत्साहित किया जा रहा है। कृत्रिम विसर्जन टैंकों की व्यवस्था से जलाशयों को प्रदूषण से बचाया जाएगा। उत्सव में सभी समुदायों के लोग शामिल होकर सामाजिक एकता का संदेश देंगे।
प्रशासनिक तैयारियां
स्थानीय प्रशासन ने मेले और जुलूस के लिए सुरक्षा और यातायात प्रबंधन के पुख्ता इंतजाम किए हैं। केंद्र बांध के पंडालों में थीम आधारित सजावट और डांडिया-डिडेल के आयोजन के लिए समितियां सक्रिय हैं।
भीलवाड़ा का यह 10 दिवसीय गणेशोत्सव भक्ति, संस्कृति और उत्साह का अनूठा संगम होगा।, डांडिया-गरबा की धूम और डिडेल की खनक के साथ गणेशजी का विसर्जन जुलूस शहरवासियों के लिए यादगार रहेगा। सभी भक्तों से अपील है कि वे इस उत्सव में शामिल होकर गणपति बप्पा की कृपा प्राप्त करें।इस अवसर पर भक्त अपने घरों या सामूहिक पंडालों में गणेशजी की मूर्ति स्थापित करके पूजा-अर्चना करते हैं. यह केवल उत्सव का दिन नहीं है, बल्कि इसे सकारात्मक ऊर्जा, खुशहाली और बाधाओं के निवारण का प्रतीक माना जाता है. यदि आप चाहते हैं कि आपके जीवन के संकट कम हों और परिवार में सुख-शांति बनी रहे, तो इस दिन कुछ विशेष उपाय करना बेहद लाभकारी होता है.
गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त
इस साल गणेशजी की मूर्ति स्थापित करने का सबसे अच्छा समय सुबह 11:05 बजे से 01:40 दोपहर तक है. इस दौरान विधि-विधान से पूजा करने पर गणेशजी की कृपा अधिक मिलती है. इस बार पूजा के समय चार योग बन रहे हैं – शुभ योग, शुक्ल योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग, जो पूजन को और भी अधिक मंगलमय बनाते हैं.
गणेश चतुर्थी पर करें ये आसान उपाय
दीपक जलाएं
उत्तर-पूर्व दिशा में दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं. इससे परिवार पर मां लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहता है और धन लाभ होता है.
मोदक का भोग
गणेशजी को मोदक का भोग अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है. इससे जीवन की समस्याएं कम होती हैं और घर में सुख-शांति बनी रहती है.
दूर्वा चढ़ाएं
गणेशजी को दूर्वा अत्यंत प्रिय है. उनके मस्तक पर दूर्वा चढ़ाने से बप्पा की विशेष कृपा प्राप्त होती है.
गणेश स्तोत्र का पाठ
सच्चे मन से गणेश स्तोत्र का पाठ करने से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और धन लाभ के योग बनते हैं.
लौंग-कपूर आहुति
परिवार पर किसी की नजर न लगे, इसके लिए संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश के सामने गोबर के उपले पर 2 कपूर और 6 लौंग की आहुति दें. आहुति की लौ परिवार के सभी सदस्य अपने माथे से स्पर्श करें.
गणेश चतुर्थी के उपायों का महत्व
इन उपायों को करने से न केवल घर में सुख-शांति आती है, बल्कि जीवन की बाधाएं कम होती हैं. सही तरीके से पूजा करने पर आप व्यक्तिगत और पारिवारिक दोनों क्षेत्रों में खुशहाली का अनुभव कर सकते हैं.
