देवशयनी एकादशी से 4 माह के लिए सो जाएंगे भगवान विष्णु, नहीं होंगे शुभ कार्य

देवशयनी एकादशी के नाम से ही पता चलता है कि वह एकादशी, जिस पर देवता शयन करते हैं. इस एकादशी के दिन भगवान विष्णु 4 माह के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं, उनके साथ ही सभी देव सो जाते हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार, इसी दिन से भगवान विष्णु क्षीर सागर में योगनिद्रा में चले जाते हैं और चार महीने तक विश्राम करते हैं। तब तक कोई भी शुभ कार्य नहीं होता है. इन 4 माह को चातुर्मास के नाम से जानते हैं. देवशयनी एकादशी आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को होती है. इस बार देवशयनी एकादशी के दिन 3 शुभ योगों का निर्माण भी होने वाला है।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, देवशयनी एकादशी के लिए आवश्यक आषाढ़ शुक्ल एकादशी तिथि 5 जुलाई दिन शनिवार को शाम 6:58 बजे प्रारंभ होने वाली है. यह तिथि अगले दिन 6 जुलाई रविवार को रात 9:14 बजे खत्म होगी. ऐसे एकादशी का सूर्योदय 6 जुलाई को होगा. इस आधार पर देवशयनी एकादशी 6 जुलाई को मनाई जाएगी.
इस साल चातुर्मास का प्रारंभ 6 जुलाई से ही होगा. चातुर्मास में भगवान विष्णु योग निद्रा में रहेंगे, तो सृष्टि के संचालन का दायित्व भगवान शिव के हाथों में रहेगा. चातुर्मास में भगवान शिव संहारक और पालनकर्ता दोनों ही भूमिका में रहेंगे. चातुर्मास में शिव परिवार की पूजा की जाती है. चातुर्मास में विवाह, गृह प्रवेश, उपनयन आदि जैसे मांगलिक कार्यों पर रोक रहेंगी.
3 शुभ योग में देवशयनी एकादशी 2025
इस साल की देवशयनी एकादशी पर 3 शुभ योग बनेंगे. देवशयनी एकादशी के दिन शुभ योग, शुक्ल योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बनेगा. सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह में 05 बजकर 29 मिनट से देर रात 1 बजकर 11 मिनट तक रहेगा. इस तरह से देखा जाए तो सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन ही रहेगा. इसमें पूजा, पाठ, दान आदि करने का शुभ फल प्राप्त होगा. उस दिन शुभ योग सुबह से लेकर रात 10 बजकर 3 मिनट तक है. उसके बाद से शुक्ल योग है.
अनुराधा नक्षत्र एकादशी के प्रात: से लेकर देर रात 1 बजकर 11 मिनट तक है. उसके बाद से ज्येष्ठा नक्षत्र है. देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा सर्वार्थ सिद्धि योग, शुभ योग और अनुराधा नक्षत्र में होगी.
देवशयनी एकादशी 2025 मुहूर्त
देवशयनी एकादशी की पूजा का शुभ मुहूर्त सूर्योदय 05:29 ए एम से ही प्रारंभ हो जाएगा क्योंकि इस समय से सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. उस दिन राहुकाल 07:13 ए एम से 08:58 ए एम तक है. पूरे दिन में आप राहुकाल का त्याग करें. फिर दोपहर से पूर्व किसी भी समय पूजा कर लें. उस दिन का अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 58 मिनट से दोपहर 12 बजकर 54 मिनट तक है.
देवशयनी एकादशी का पारण समय 2025
जो लोग 6 जुलाई को देवशयनी एकादशी का व्रत करेंगे, उनका पारण 7 जुलाई को होगा. उस दिन देवशयनी एकादशी व्रत के पारण का मुहूर्त 05 बजकर 29 मिनट से सुबह 08 बजकर 16 मिनट के बीच रहेगा. इस समय में आप पारण करके व्रत को पूरा करें.
देवशयनी एकादशी का महत्व
देवशयनी एकादशी व्रत से व्यक्ति के समस्त पाप मिट जाते हैं. वह मोक्ष प्राप्त करता है. श्रीहरि की कृपा से वह जीवात्मा जन्म और मरण के बंधन से मुक्ति पा जाता है. जो यह व्रत नहीं करता है, वो नरक में जाता है.